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वैज्ञानिकों का दावा, NeoCov भारत के लिए कोई आसन्न खतरा नहीं - नए प्रकार के कोरोना वायरस NeoCov

एक नए प्रकार के कोरोना वायरस NeoCov (new type of corona virus NeoCov) ने पहले ही दुनिया भर में भय की मनोविकृति पैदा कर दी है. भारतीय वैज्ञानिकों ने शनिवार को इस तरह की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि इससे उत्पन्न खतरा भारत के लिए चिंता की बात नहीं है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 29, 2022, 8:16 PM IST

नई दिल्ली : NeoCov भारत के लिए कोई आसन्न खतरा नहीं है. ईटीवी भारत के जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान (आईजीआईबी) के वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने कहा कि IGIB भारत का प्रमुख संस्थान है जो जीनोमिक्स, आणविक चिकित्सा और जैव सूचना विज्ञान के अनुसंधान क्षेत्र में लगा हुआ है.

यह कहते हुए कि NeoCov नया संस्करण नहीं है, स्कारिया बोले कि यह एक बैट कोरोना वायरस है और यह मनुष्यों को संक्रमित नहीं करता है. स्पिल ओवर की घटनाएं जानवरों से दुर्लभ हैं. NeoCov की पहचान सबसे पहले चमगादड़ों की एक प्रजाति में की गई थी जिसे Neoromicia के नाम से जाना जाता है. NeoCov का जीनोम MERS-CoV के समान (85 प्रतिशत) है. स्कारिया ने कहा कि NeoCov वर्तमान में जानवरों के बीच फैल गया है.

यह बताते हुए कि NeoCov की स्पिल ओवर घटनाएं जानवरों से दुर्लभ है. स्कारिया ने कहा कि NeoCov स्वाभाविक रूप से मानव एसीई रिसेप्टर्स से नहीं जुड़ सकता है लेकिन कृत्रिम उत्परिवर्तन बाइंडिंग को बढ़ा सकते हैं. हालांकि वुहान विश्वविद्यालय और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स के शोधकर्ताओं के अनुसार मानव कोशिकाओं में घुसपैठ करने के लिए वायरस के लिए केवल एक उत्परिवर्तन की आवश्यकता होती है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि वायरस MERS-उच्च CoV की मृत्यु दर (हर तीन संक्रमित व्यक्ति में से एक) के संभावित संयोजन को वहन करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि NeoCov को और अध्ययन की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना वायरस अक्सर जानवरों में पाए जाते हैं, जिनमें चमगादड़ भी शामिल हैं, जिनकी पहचान इनमें से कई वायरस के प्राकृतिक भंडार के रूप में की गई है.

यह भी पढ़ें- कुछ लोगों में 7 महीने से अधिक समय तक सक्रिय रह सकता है COVID : अध्ययन

इस विषय पर डॉ तमोरिश कोले ने भी यही विचार व्यक्त किया और कहा कि जीनोमिक निगरानी को और अधिक करीब होने की आवश्यकता है. घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस समय इस वायरस से कोई स्पिलओवर नहीं है. हमारी जीनोमिक अनुक्रमण को बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि यदि वायरस का कोई भी नया रूप आता है तो हम इसे सावधानी से संभाल सकते हैं.

नई दिल्ली : NeoCov भारत के लिए कोई आसन्न खतरा नहीं है. ईटीवी भारत के जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान (आईजीआईबी) के वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने कहा कि IGIB भारत का प्रमुख संस्थान है जो जीनोमिक्स, आणविक चिकित्सा और जैव सूचना विज्ञान के अनुसंधान क्षेत्र में लगा हुआ है.

यह कहते हुए कि NeoCov नया संस्करण नहीं है, स्कारिया बोले कि यह एक बैट कोरोना वायरस है और यह मनुष्यों को संक्रमित नहीं करता है. स्पिल ओवर की घटनाएं जानवरों से दुर्लभ हैं. NeoCov की पहचान सबसे पहले चमगादड़ों की एक प्रजाति में की गई थी जिसे Neoromicia के नाम से जाना जाता है. NeoCov का जीनोम MERS-CoV के समान (85 प्रतिशत) है. स्कारिया ने कहा कि NeoCov वर्तमान में जानवरों के बीच फैल गया है.

यह बताते हुए कि NeoCov की स्पिल ओवर घटनाएं जानवरों से दुर्लभ है. स्कारिया ने कहा कि NeoCov स्वाभाविक रूप से मानव एसीई रिसेप्टर्स से नहीं जुड़ सकता है लेकिन कृत्रिम उत्परिवर्तन बाइंडिंग को बढ़ा सकते हैं. हालांकि वुहान विश्वविद्यालय और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स के शोधकर्ताओं के अनुसार मानव कोशिकाओं में घुसपैठ करने के लिए वायरस के लिए केवल एक उत्परिवर्तन की आवश्यकता होती है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि वायरस MERS-उच्च CoV की मृत्यु दर (हर तीन संक्रमित व्यक्ति में से एक) के संभावित संयोजन को वहन करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि NeoCov को और अध्ययन की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना वायरस अक्सर जानवरों में पाए जाते हैं, जिनमें चमगादड़ भी शामिल हैं, जिनकी पहचान इनमें से कई वायरस के प्राकृतिक भंडार के रूप में की गई है.

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इस विषय पर डॉ तमोरिश कोले ने भी यही विचार व्यक्त किया और कहा कि जीनोमिक निगरानी को और अधिक करीब होने की आवश्यकता है. घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस समय इस वायरस से कोई स्पिलओवर नहीं है. हमारी जीनोमिक अनुक्रमण को बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि यदि वायरस का कोई भी नया रूप आता है तो हम इसे सावधानी से संभाल सकते हैं.

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