नई दिल्ली : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Telangana Chief Minister K. Chandashekhar Rao) ने शुक्रवार को रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके पिता झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन से मुलाकात की. इस मुलाकात को देश में राजनीतिक दलों के तीसरे मोर्चे के गठन की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है. बीते कुछ दिनों के दौरान चंद्रशेखर राव महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और किसान नेता राकेश टिकैत से भी मुलाकात की है.
वहीं, इस मुलाकात को लेकर झारखंड में सहयोगी कांग्रेस का बयान सामने आया है. कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन वह सतर्क है क्योंकि वह झारखंड सरकार में सहयोगी होने के बावजूद उक्त कदम से अनजान है. झारखंड के प्रभारी कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे ने कहा, 'बैठक में कोई बुराई नहीं है क्योंकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंदाशेखर राव पहले भी यूपीए के साथ रहे हैं और जो कोई भी भाजपा को हराने की कोशिश कर रहा है वह एक अच्छा कदम है, लेकिन ये बात भी है कि कांग्रेस के बिना केंद्र में कोई सरकार नहीं बन सकती.'
यहां चौंकाने वाली बात ये है कि झारखंड में गठबंधन की सरकार है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं जिनकी सरकार कांग्रेस के सहयोग से चल रही है और पार्टी को ही बैठक की जानकारी नहीं थी. केसीआर 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (जो पिछले कई मुद्दों पर मोदी को निशाने पर लेते रहे हैं) और किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की थी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि तीनों नेताओं ने देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की.
चंद्रशेखर राव ने हाल ही में केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को टक्कर देने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं. वह राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की अपनी योजना के तहत विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय नेताओं तक पहुंच रहे हैं.
देश के अन्य हिस्सों में राजनीतिक नेताओं तक पहुंचने की अपनी कवायद के तहत, केसीआर ने हाल ही में मुंबई की यात्रा की थी जहां उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. उन्होंने उस मौके पर राकांपा प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की थी. केसीआर जिस कुछ महीनों से जिस तरह से केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं उसके बाद से भाजपा से संबंधों पर असर पड़ा है.
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(IANS)