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भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों से झड़प संबंधी खबर को बताया गलत

भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना की घुसपैठ और सैनिकों के बीच झड़प से संबंधित खबर को झूठी और बेबुनियाद बताया है. सेना का कहना है कि गलवान या किसी अन्य क्षेत्र में कोई झड़प नहीं हुई है. साथ ही सेना ने कहा है कि चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.

चीनी सैनिकों से झड़प
चीनी सैनिकों से झड़प
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Published : Jul 14, 2021, 10:30 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय सेना ने बुधवार को कहा कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर कब्जा करने की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से वे फरवरी में पीछे हटे थे और क्षेत्र में टकराव के शेष मामलों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष वार्ता कर रहे हैं. थलसेना ने कहा कि वह क्षेत्र में बलों की संख्या समेत जनमुक्ति सेना (PLA) की गतिविधियों पर नजर रख रही है.

हाल में मीडिया की एक खबर में कहा गया था कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को फिर से पार कर लिया है और दोनों पक्षों के बीच झड़प की कम से कम एक घटना हो चुकी है.

सेना ने झड़प संबंधी खबर को किया खारिज
सेना ने इस खबर को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया. भारतीय सेना ने झड़प संबंधी खबर को गलत बताते हुए कहा कि गलवान या किसी अन्य क्षेत्र में कोई झड़प नहीं हुई है. थलसेना ने कहा कि खबर में चीन के साथ हुए समझौतों के विफल होने की बात कही गई है, जो झूठी और बेबुनियाद है.

थलसेना ने कहा, इस साल फरवरी में सैन्य बलों के पीछे हटने संबंधी समझौते के बाद से किसी भी पक्ष ने उन क्षेत्रों पर कब्जे की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से बलों को पीछे हटाया गया था.

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष शेष मामलों को सुलझाने के लिए वार्ता कर रहे हैं और संबंधित क्षेत्रों में नियमित गश्त जारी है. स्थिति पूर्ववत बनी हुई है. भारतीय थलसेना बलों की संख्या समेत पीएलए की गतिविधियों पर नजर रख रही है.

यह भी पढ़ें- एलएसी मुद्दा : चीन को भारत की दो टूक, यथास्थिति में एकतरफा बदलाव स्वीकार नहीं

वहीं, भारतीय मीडिया की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. झाओ ने कहा, 'आपने जिसका जिक्र किया है, उसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है.'

पूर्वी लद्दाख में एक साल से सैन्य गतिरोध जारी
भारत और चीन के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में टकराव के कई बिंदुओं पर सैन्य गतिरोध बना हुआ है. दोनों पक्षों ने सैन्य एवं राजनयिक वार्ताओं के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से अपने बलों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था. दोनों पक्ष टकराव के शेष क्षेत्रों से भी बलों को वापस बुलाने के लिए वार्ता कर रहे हैं.

चीन ने 11वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान अपने दृष्टिकोण में कोई लचीलापन नहीं दिखाया और टकराव के शेष क्षेत्रों से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ती नहीं दिख रही है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय सेना ने बुधवार को कहा कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर कब्जा करने की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से वे फरवरी में पीछे हटे थे और क्षेत्र में टकराव के शेष मामलों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष वार्ता कर रहे हैं. थलसेना ने कहा कि वह क्षेत्र में बलों की संख्या समेत जनमुक्ति सेना (PLA) की गतिविधियों पर नजर रख रही है.

हाल में मीडिया की एक खबर में कहा गया था कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को फिर से पार कर लिया है और दोनों पक्षों के बीच झड़प की कम से कम एक घटना हो चुकी है.

सेना ने झड़प संबंधी खबर को किया खारिज
सेना ने इस खबर को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया. भारतीय सेना ने झड़प संबंधी खबर को गलत बताते हुए कहा कि गलवान या किसी अन्य क्षेत्र में कोई झड़प नहीं हुई है. थलसेना ने कहा कि खबर में चीन के साथ हुए समझौतों के विफल होने की बात कही गई है, जो झूठी और बेबुनियाद है.

थलसेना ने कहा, इस साल फरवरी में सैन्य बलों के पीछे हटने संबंधी समझौते के बाद से किसी भी पक्ष ने उन क्षेत्रों पर कब्जे की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से बलों को पीछे हटाया गया था.

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष शेष मामलों को सुलझाने के लिए वार्ता कर रहे हैं और संबंधित क्षेत्रों में नियमित गश्त जारी है. स्थिति पूर्ववत बनी हुई है. भारतीय थलसेना बलों की संख्या समेत पीएलए की गतिविधियों पर नजर रख रही है.

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वहीं, भारतीय मीडिया की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. झाओ ने कहा, 'आपने जिसका जिक्र किया है, उसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है.'

पूर्वी लद्दाख में एक साल से सैन्य गतिरोध जारी
भारत और चीन के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में टकराव के कई बिंदुओं पर सैन्य गतिरोध बना हुआ है. दोनों पक्षों ने सैन्य एवं राजनयिक वार्ताओं के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से अपने बलों एवं हथियारों को पीछे हटा लिया था. दोनों पक्ष टकराव के शेष क्षेत्रों से भी बलों को वापस बुलाने के लिए वार्ता कर रहे हैं.

चीन ने 11वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान अपने दृष्टिकोण में कोई लचीलापन नहीं दिखाया और टकराव के शेष क्षेत्रों से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ती नहीं दिख रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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