नई दिल्ली: 2020-21 के वित्तीय वर्ष के दौरान आंध्र प्रदेश में लगभग 48,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी के TDP के आरोप का खंडन करते हुए, राज्य के वित्त मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ रेड्डी ने कहा कि सरकार ने इस राशि को खर्च नहीं किया, बल्कि एक दोषपूर्ण वित्तीय सॉफ्टवेयर के कारण केवल पुस्तक समायोजन किया. पिछली सरकार द्वारा इस दोषपूर्ण सॉफ्टवेयर को अपनाया गया था.
रेड्डी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मौजूदा वाईएसआरसीपी सरकार व्यापक वित्त प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) में प्रोग्रामिंग त्रुटि के कारण लगभग 48,000 करोड़ रुपये की राशि के 600-विषम बिलों की प्रविष्टियां नहीं कर सकी. जब TDP सत्ता में थी तब CFMS 2018 को अपनाया गया था. सरकारी विभागों में धन के प्रवाह को ट्रैक करने और सभी भुगतानों पर जवाबदेही तय करने के लिए इसको अपनाया गया था. त्रुटुिपूर्ण CFMS को पिछली सरकार ने जल्दबाजी में लागू किया था और प्राइवेट क्षेत्र के व्यक्ति को इसका CFO नियुक्त किया था. चूंकि कुछ सेक्शन को दर्ज करने के लिए सॉफ़्टवेयर में कोई ऑप्शन नहीं थे इसीलिए हमने केवल पुस्तक का समायोजन किया है. कोई धोखाधड़ी नहीं की है और न ही कोई नकद लेनदेन हुआ है.
यह पूछे जाने पर कि उनकी सरकार ने सॉफ्टवेयर की खामी को ढूंढ़ने में इतना समय क्यों लगाया, तब मंत्री ने कहा कि पहले, CFMS का प्रबंधन एक निजी व्यक्ति द्वारा किया जाता था. हमारी सरकार ने एक IAS अधिकारी की इस कार्य को सौंपा और सिस्टम की खामियों का पता लगाने में समय लगा. जब आप नई सड़क पर गाड़ी चला रहे होते हैं तब आपको पता नहीं होता है कि स्पीड ब्रेकर कहां-2 होंगे. जैसे ही खामी का पता चला सरकार ने उसे ठीक करना शुरू कर दिया और "80 प्रतिशत से अधिक त्रुटियों को अब ठीक किया जा चुका है.
यह पूछे जाने पर कि क्या नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को दोषपूर्ण सॉफ्टवेयर के बारे में सूचित किया गया, वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने अपनी सभी आपत्तियों पर स्पष्टीकरण दिया है और खातों पर सीएजी की रिपोर्ट आने में थोड़ा समय लग सकता है. अंतिम रूप दिया गया. उन्होंने कहा कि राज्य के वित्त सचिव ने इस संबंध में सीएजी को एक स्पष्टीकरण पत्र भेजा है. खातों पर सीएजी की रिपोर्ट 25 मार्च को विधायिका को पेश की गई थी. रेड्डी ने कहा कि जब तेदेपा सत्ता में थी, उसने वित्तीय वर्ष 2018-19 के अंत में एक बही समायोजन लेनदेन भी किया था. पिछले हफ्ते, टीडीपी ने केंद्र से संविधान के अनुच्छेद 360 को लागू करने और आंध्र प्रदेश में वित्तीय आपातकाल को रोकने के लिए कहा था ताकि इसे वाईएस जगन मोहन रेड्डी शासन द्वारा कथित घोर कुप्रबंधन से बचाया जा सके.
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