लखनऊ : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने बतौर मुख्यमंत्री चार साल का कार्यकाल पूरा किया है. इस कारण योगी सरकार 'चार साल बेमिसाल' का जश्न मना रही है और जनता को यह संदेश दे रही है कि वह उत्तर प्रदेश को विकास की पटरी पर लाई है.
लखनऊ में ईटीवी भारत के संवाददाता ने जाने-माने वकील जफरयाब जिलानी से इस संबंध में खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि योगी सरकार भले ही खुद की तारीफ कर खुश हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. राज्य में कहीं भी विकास कार्य नहीं दिखाई देते, क्योंकि सिर्फ वादे किए गए थे.
जफरयाब जिलानी ने कहा कि आम जनता परेशान है, लेकिन भाजपा सरकार कुछ देखने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि न उत्तर प्रदेश में और न ही लखनऊ में कोई सड़क नहीं बनी, जो जैसी थी वह वैसे ही पड़ी है. पिछली सरकार में, सिर्फ 22 महीने में 305 किमी एक्सप्रेसवे का निर्माण किया गया था, लेकिन इस सरकार में एक्सप्रेसवे का काम अभी भी चल रहा है, जिसके पूरा होने की उम्मीद नहीं है.
उन्होंने कहा, 'स्कूल और कॉलेज बदहाली का शिकार हैं. सरकार जानबूझकर अल्पसंख्यक स्कूलों और कॉलेजों में नई नियुक्तियां करने की अनुमति नहीं दे रही है, जिससे छात्रों पर असर पड़ रहा है. जहां तक मदरसा शिक्षा बोर्ड का सवाल है, उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से एक भी मदरसे को 'सहायता प्राप्त' सूची में शामिल नहीं किया गया है.
राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद
जिलानी ने कहा कि राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. महिलाओं के साथ रोजाना हिंसा और ज्यादती के मामले देखने को मिलते हैं. पिछली सरकार में गरीब महिलाओं को पेंशन दी जाती थी, लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है.
जफरयाब जिलानी ने कहा कि योगी सरकार धर्म परिवर्तन कानून के तहत मुस्लिम युवाओं को निशाना बना रही है. ऐसे बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं. योगी शासन के चार वर्षों में पुलिस मुठभेड़ में 135 लोग मारे गए हैं, उनमें से 37% मुस्लिम हैं.
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उन्होंने कहा कि इस सरकार से न तो अल्पसंख्यक समुदाय और न ही बहुसंख्यक समुदाय खुश है. योगी सरकार केवल वोट बैंक की राजनीति करती है. प्रदेश के युवा, किसान और महिलाएं सभी चिंतित हैं. कुछ लोगों का कहना है कि यूपी सरकार गांवों में आरएसएस कार्यकर्ताओं को नौकरी दे रही है, यह कहना मुश्किल है कि इसमें कितनी सच्चाई है.