नई दिल्ली : कोरोना व लॉकडाउन के मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्यों के तरफ से यह मांग उठने लगी है की केंद्र सरकार गरीबों को मुफ्त अनाज देने की दिशा में ठोस कदम उठाए. केरल, राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों ने केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की तरह योजना शुरु करने की मांग की है.
इस बार मुफ्त राशन देने पर केंद्र सरकार ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है लेकिन संकट गहराने पर केंद्र सरकार बड़ा निर्णय ले सकती है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 81 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन पिछले वर्ष दिया गया था.
मार्च से नवंबर तक यह योजना चली थी. पिछली बार लॉकडाउन में अपने राज्यों में लौटे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत मुफ्त राशन दिया गया. इन लोगों को बिना राशन कार्ड के ही यह सुविधा दी गई थी.
केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बयान दिया है जिससे लग रहा है कि केंद्र सरकार इस बार भी मुफ्त अनाज जरुरत पड़ने पर दे सकती है. केंद्रीय खाद्य सचिव ने कहा कि सस्ते दर पर राज्यों को अनाज की सप्लाई की जाती है. पिछले साल 30 LMT अतिरिक्त खाद्यान्न राज्यों ने लिया था. ओपेन मार्केट सेल स्कीम के तहत कम दरों पर अनाज दिया जा रहा है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को चावल, गेहूं, मोटा अनाज 3, 2, 1 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से दिया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकारों की तरफ से मांग उठ रही है की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की तरह योजना की शुरुआत की जाए. जिससे गरीबों को मुफ्त राशन मिले.
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केंद्र सरकार इस बार भी मुफ्त राशन देगी या नहीं इस पर अभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं है. लेकिन अभी जिस तरह के हालात हैं उसको देखते हुए केंद्र सरकार जल्द निर्णय ले सकती है.