नई दिल्ली : लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इस चर्चा में शामिल हुईं. उन्होंने अपने भाषण के जरिये यूपीए पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आप जनता को सपने दिखाते थे...हमने उनके सपने साकार किये हैं. उन्होंने कहा, "परिवर्तन वास्तविक कार्यों को करने से आता है, न कि बोले गए शब्दों के माध्यम से. आप लोगों को सपने दिखाते हैं. हम उनके सपनों को हकीकत बनाते हैं. हम सभी को सशक्त बनाने और किसी के तुष्टिकरण में विश्वास नहीं करते हैं."
उन्होंने कहा, मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि 'बनेगा, मिलेगा' जैसे शब्द अब उपयोग में नहीं हैं. आजकल लोग क्या उपयोग कर रहे हैं? 'बन गए, मिल गए, आ गए'. उन्होंने कहा, "यूपीए के दौरान लोग कहते थे 'बिजली आएगी', अब लोग कहते हैं 'बिजली आ गई'. उन्होंने कहा 'गैस कनेक्शन मिलेगा', अब 'गैस कनेक्शन मिल गया', 'पीएम आवास बनेगा'...अब 'बन गया', उन्होंने कहा एयरपोर्ट 'बनेगा', अब एयरपोर्ट 'बन गया', पहले कहते थे 'स्वास्थ्य सेवा मिलेगी', अब कहते हैं 'मिल गया'..." इसलिए इसका समझ आवश्यक है. एक्चुअल डिलीवरी से ही बदलाव होता है, न कि मुंह से शब्द फेंककर गुमराह करने से. आप सपने दिखाते थे, हम जनता के सपने साकार करते हैं."
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