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पाकिस्तान पर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं: विदेश मंत्रालय

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Published : Apr 28, 2022, 9:41 PM IST

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि शहबाज शरीफ के पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनने से उसके इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. साथ ही यह भी कहा गया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत आतंकवाद से मुक्त माहौल में ही हो सकती है.

No change in India stand on Pakistan
पाकिस्तान पर भारत विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली: शहबाज शरीफ के पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनने के एक पखवाड़े बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत आतंकवाद से मुक्त माहौल में ही हो सकती है. ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह भी कहा कि कराची में आतंकवादी हमले ने केवल इस जरूरत को ही रेखांकित किया है कि सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकसमान रुख अख्तियार करना होगा.

बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, 'कहीं भी आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ हमारा रुख सतत और स्थिर रहा है.' वह इस संबंध में एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. गौरतलब है कि मंगलवार को कराची विश्वविद्यालय में एक आत्मघाती बम हमले में चीनी भाषा के तीन शिक्षकों और उनके स्थानीय चालक की मौत हो गई. पाकिस्तान से बातचीत के मुद्दे पर क्या भारत के रुख में बदलाव आ रहा है, इस प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है.

उन्होंने कहा, 'हमारा रुख बहुत सीधा सा है. आतंकवाद से मुक्त माहौल होना चाहिए, तभी वार्ता हो सकती है. दोनों प्रधानमंत्रियों ने शिष्टाचार स्वरूप पत्रों का आदान-प्रदान किया. यह हमारी वैध मांग है कि आतंकवाद से मुक्त माहौल हो.' बागची ने कहा कि इस तरह के माहौल के बिना बातचीत नहीं हो सकती. उन्होंने कहा, 'हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.' शरीफ के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पत्र लिखकर कहा था कि भारत पाकिस्तान के साथ सकारात्मक संबंधों की अपेक्षा रखता है. जवाब में शरीफ ने दोनों देशों के बीच 'सार्थक' बातचीत की वकालत की.

प्रधानमंत्री मोदी की हालिया कश्मीर यात्रा और चेनाब नदी पर एक जलविद्युत परियोजना के लिए आधारशिला रखे जाने पर पाकिस्तान की आपत्ति के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि इस्लामाबाद को इस बारे में बात करने का कोई हक नहीं है. उन्होंने कहा, 'उनका (प्रधानमंत्री का) जो स्वागत-सत्कार हुआ और आपने जो तस्वीरें देखीं उससे यह बिल्कुल साफ है. उन्होंने जिन विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और धरातल पर जो बदलाव हुए हैं, वे प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर उठने वाले किसी भी सवाल का बिल्कुल स्पष्ट जवाब हैं.'

यह भी पढ़ें-माता-पिता ने जो मुसीबतें झेलीं, आपको नहीं उठानी होगी: कश्मीर में युवाओं से बोले पीएम

मोदी ने कहा, 'किसी भी स्थिति में पाकिस्तान को इस नजरिए से बात करने का कोई अधिकार नहीं है कि जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है.' भारत कहता आ रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंध चाहता है लेकिन उसका जोर इस बात पर है कि इस तरह की भागीदारी के लिए आतंकवाद से मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की ही है. पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी शिविर पर भारत के लड़ाकू विमानों के हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया था. अगस्त 2019 में जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की तो संबंधों में खाई और बढ़ गई.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: शहबाज शरीफ के पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनने के एक पखवाड़े बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत आतंकवाद से मुक्त माहौल में ही हो सकती है. ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह भी कहा कि कराची में आतंकवादी हमले ने केवल इस जरूरत को ही रेखांकित किया है कि सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकसमान रुख अख्तियार करना होगा.

बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, 'कहीं भी आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ हमारा रुख सतत और स्थिर रहा है.' वह इस संबंध में एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. गौरतलब है कि मंगलवार को कराची विश्वविद्यालय में एक आत्मघाती बम हमले में चीनी भाषा के तीन शिक्षकों और उनके स्थानीय चालक की मौत हो गई. पाकिस्तान से बातचीत के मुद्दे पर क्या भारत के रुख में बदलाव आ रहा है, इस प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है.

उन्होंने कहा, 'हमारा रुख बहुत सीधा सा है. आतंकवाद से मुक्त माहौल होना चाहिए, तभी वार्ता हो सकती है. दोनों प्रधानमंत्रियों ने शिष्टाचार स्वरूप पत्रों का आदान-प्रदान किया. यह हमारी वैध मांग है कि आतंकवाद से मुक्त माहौल हो.' बागची ने कहा कि इस तरह के माहौल के बिना बातचीत नहीं हो सकती. उन्होंने कहा, 'हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.' शरीफ के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पत्र लिखकर कहा था कि भारत पाकिस्तान के साथ सकारात्मक संबंधों की अपेक्षा रखता है. जवाब में शरीफ ने दोनों देशों के बीच 'सार्थक' बातचीत की वकालत की.

प्रधानमंत्री मोदी की हालिया कश्मीर यात्रा और चेनाब नदी पर एक जलविद्युत परियोजना के लिए आधारशिला रखे जाने पर पाकिस्तान की आपत्ति के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि इस्लामाबाद को इस बारे में बात करने का कोई हक नहीं है. उन्होंने कहा, 'उनका (प्रधानमंत्री का) जो स्वागत-सत्कार हुआ और आपने जो तस्वीरें देखीं उससे यह बिल्कुल साफ है. उन्होंने जिन विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और धरातल पर जो बदलाव हुए हैं, वे प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर उठने वाले किसी भी सवाल का बिल्कुल स्पष्ट जवाब हैं.'

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मोदी ने कहा, 'किसी भी स्थिति में पाकिस्तान को इस नजरिए से बात करने का कोई अधिकार नहीं है कि जम्मू कश्मीर में क्या हो रहा है.' भारत कहता आ रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंध चाहता है लेकिन उसका जोर इस बात पर है कि इस तरह की भागीदारी के लिए आतंकवाद से मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की ही है. पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी शिविर पर भारत के लड़ाकू विमानों के हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया था. अगस्त 2019 में जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की तो संबंधों में खाई और बढ़ गई.

(पीटीआई-भाषा)

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