नई दिल्ली: बिहार सरकार की तरफ से लागू की गईं, स्कूली बच्चों की छुट्टियों को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. राज्य की नीतीश सरकार द्वारा उर्दू स्कूलों में हिंदू त्योहारों की छुट्टियां कम कर दी गई हैं, जबकि बाकी स्कूलों में मुस्लिम त्योहारों पर छुट्टी कम की गई है. हालांकि तीज और जिउतिया जैसे त्योहारों की छुट्टी काटने पर मचे बवाल के बाद बिहार के शिक्षा विभाग ने इन छुट्टियों को वापस लागू कर दिया.
लेकिन ईद पर तीन दिन की छुट्टी को लागू करना और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर छुट्टी को खत्म करना बीजेपी को नागवार गुजर रहा है. बीजेपी ने इस पर मोर्चा खोल दिया है. पार्टी ने बिहार में अपने नेताओं के माध्यम से राज्य सरकार पर हमला बोला है. बिहार की सरकार ने साल 2024 के लिए पहली से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों के लिए छुट्टियों का कैलेंडर जारी किया था, जिसके बाद ये बवाल शुरू हुआ.
नीतीश सरकार के इस कैलेंडर को लेकर बिहार में सियासी संग्राम छिड़ गया. गिरिराज सिंह ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बिहार. गिरिराज सिंह ने कहा कि जिस तरह नीतीश और लालू जी की सरकार ने बिहार में हिंदू त्योहारों की छुट्टी कम करके मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियां बढ़ाई है, वो एक तुगलकी फरमान है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को बिहार के अररिया और पूर्णिया में पहले ही छुट्टी की जा रही थी और अब इसे सभी स्कूलों में लागू किया जा रहा है.
उन्होंने नीतीश कुमार को मोहम्मद नीतीश कुमार और मोहम्मद लालू यादव का नाम दिया और साथ ही कहा कि बिहार की जनता उन्हें सबक सिखाएगी. इसी तरह केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने हमला बोलते हुए कहा कि 'तुष्टिकरण के सरदार-बिहार के कुर्सी कुमार'. उन्होंने कहा कि एक बार फिर चाचा-भतीजे की सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आया. एक तरफ स्कूलों में मुस्लिम पर्व की छुट्टी बढ़ाई जा रही हैं, वहीं हिंदू त्योहारों में छुट्टियां खत्म की जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि लानत है वोट बैंक के लिए सनातन से घृणा करने वाली सरकार को. बीजेपी इसे मात्र बिहार के महागठबंधन ही नहीं, बल्कि इस मुद्दे के बहाने इंडिया गठबंधन को भी निशाने पर ले रही है. सूत्रों की माने तो पार्टी ने इसके खिलाफ पार्टी के राज्य के ट्विटर हैंडल पर तो हमला बोला ही है, साथ ही पार्टी इसे 2024 लोकसभा चुनाव में भी तुष्टिकरण का मुद्दा बनाने की तैयारी में है.