नई दिल्ली : नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने कहा कि केंद्र की महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रम (Aspirational Districts Programme) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप- भारत की आबादी के पांचवें हिस्से से अधिक के जीवन में सुधार किया है. संयुक्त राष्ट्र विकास इकाई ने भारत सरकार के प्रयास की सराहना की, इस कार्यक्रम के तहत देश की 21 फीसदी आबादी के जीवन में बदलाव आया है.
रविवार को कांत ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत ने एक लंबा सफर तय किया है, जिससे भारत के नागरिकों के जीवन में गुणात्मक बदलाव लाने में काफी अंतर हासिल किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर आप भारत की 21 प्रतिशत आबादी और शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण जैसे क्षेत्रों में बदलाव लाने में सक्षम हैं.
अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने कहा कि हालात देखते हुए मुझे संतुष्टि देती है कि हम जो करना चाहते थे वे करने में सक्षम रहे हैं.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का आकांक्षात्मक जिला कार्यक्रम विकास में तेजी लाने में सहायक बना है, इस योजना के लागू होने के बाद स्वास्थ्य देखभाल, पोषण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रमुख परिवर्तन आए.
कांत ने कहा, संयुक्त राष्ट्र ने एक स्वतंत्र तीसरे पक्ष का अध्ययन किया और यह निष्कर्ष निकाला है कि जनवरी, 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया आकांक्षी जिलों का कार्यक्रम एक उल्लेखनीय सफलता की कहानी है. इसमें गैर-आकांक्षी जिलों की तुलना में आकांक्षी जिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है.
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अमिताभ कांत ने कहा कि देश में जमीनी स्तर पर बड़ा परिवर्तनकारी बदलाव आया है. लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर उन्हें खुशी हो रही है. उन्होंने कहा, मुझे वास्तव में खुशी है कि हम भारत के नागरिकों के जीवन में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कौशल विकास, वित्तीय समावेशन में बदलाव लाने में सक्षम हैं. कांत ने कहा कि भारत के भौगोलिक रूप से दूर-दराज वाले जिलों में पिछड़े लोगों के जीवन में इस योजना से अंतर आया है.
(एएनआई)