नई दिल्ली : लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि टीएमसी को सभी हिंदी भाषी लोगों से एलर्जी है इसलिए उन्होंने (महुआ मोइत्रा) मुझे 'बिहारी गुंडा' कहा. यह बिहार के स्वाभिमान पर हमला है. मैंने सभी तथ्य अध्यक्ष को सौंप दिए हैं. उन्हें (महुआ मोइत्रा) माफी मांगनी चाहिए.
वहीं इस मामले को लेकर महुआ मोइत्रा का कहना है कि इस बारे में जान कर वे हैरान हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, नाम-पुकारने के आरोपों से थोड़ा हैरान हूं. जो मौजूद ही नहीं था उसे मैं कैसे नाम दूं. उपस्थिति पत्रक की जांच करें.
इस पूरे मामले पर आईटी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर का कहना है, मैं पूरी तरह से अनजान हूं. अगर किसी ने कथित तौर पर किसी बैठक (जो कभी हुई नहीं) में, किसी ऐसे व्यक्ति ( जो वहां था ही नहीं) को कुछ ऐसा कहा, तो मुझे इसके बारे में कैसे चिंतित होना चाहिए? उन्होंने रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं किए, हमें कैसे पता चलेगा कि वह वहां हैं?
उन्होंने कहा, कल समिति की बैठक नहीं हो सकी क्योंकि 10 लोग जो शारीरिक रूप से उपस्थित थे, ने हमें कोरम से वंचित करने के लिए रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं करने का विकल्प चुना. कोई कोरम और कोई बैठक नहीं थी. मैं उस बैठक के बारे में कैसे बता सकता हूं जो कभी हुई नहीं?
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बता दें कि निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि आईटी कमिटी की बैठक में महुआ मोइत्रा ने उन्हें बिहारी गुंडा कहा.