धारवाड़: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बीजेपी सरकार की दूसरी इंनिंग का 5वां बजट पेश किया. इस दौरान खास बात यह रही कि वह धारवाड़ जिले की नवलगुंडा कढ़ाई कला वाली इलाकल (मैरून रंग) की साड़ी पहनकर संसद में आईं. गौरतलब है कि बागलकोट जिले का इलाकल साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है. बता दें कि धारवाड़ शहर के नारायणपुर स्थित आरती हिरेमठ के स्वामित्व वाली आरती शिल्प की महिलाओं ने इस साड़ी पर विशेष रूप से कढ़ाई की है.
जिला सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एक कार्यक्रम में मंत्री निर्मला सीतारमण को नवलगुंडा कढ़ाई कला और सांस्कृतिक समृद्धि के बारे में बताया और इन साड़ियों को मंत्री को उपहार के रूप में भेंट किया था. जिलाधिकारी गुरुदत्त हेगड़े ने हथकरघा एवं कपड़ा विभाग के अधिकारी सैयद नईम अहमद के माध्यम से कढ़ाई विशेषज्ञों की पहचान की और उन्हें कढ़ाई वाली साड़ियां तैयार करने के निर्देश दिए.
आरती क्राफ्ट्स: आरती क्राफ्ट्स की मालकिन आरती हिरेमथ ने अपना एम्ब्रॉयडरी का व्यापार करीब 32 साल पहले शुरू किया था. धीरे-धीरे उन्होंने अपने व्यापार को बढ़ाया और मौजूदा समय में उनकी टीम में लगभग 210 महिलाएं काम कर रही हैं. उन्होंने इन महिलाओं को आवश्यक कढ़ाई प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार दिया है.
ग्राहकों से कढ़ाई वाली साड़ियों, शॉल और ड्रेस की डिमांड प्राप्त कर आरती हिरेमथ अपनी महिला स्टाफ के घर जाकर सामान की आपूर्ति करती हैं और तैयार कपड़े खुद इकट्ठा करती हैं. जानकारी के अनुसार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मांग के अनुसार उन्हें साड़ियां भेजी गईं. इसमें वह लाल (मैरून) साड़ी भी शामिल है, जिसे उन्होंने बुधवार को पहना था.
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धारवाड़ कढ़ाई साड़ियों की विशेषता: पारंपरिक धारवाड़ कढ़ाई के साथ हैंडलूम इलाकल साड़ी. साढ़े पांच मीटर लंबी इलाकल साड़ी का एक बॉर्डर होता है और रथ, गोपुरम, मोर और कमल की छवियों के साथ कढ़ाई की जाती है. हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने और स्वरोजगार करने वाली महिलाओं की पीठ थपथपाने की केंद्रीय मंत्री की इस पहल ने हमें खुशी और गौरवान्वित किया है.