जलगांव : महाराष्ट्र के जलगांव नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के इलेक्शन से पहले ही राजनीति गरमा गई है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के 27 बागी पार्षद रविवार से गायब थे, जिसके बाद सोमवार दोपहर 27 में से नौ नगरसेवक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हो गए.
बता दें कि मेयर इलेक्शन में सिर्फ चार दिन बाकी है, ऐसे वक्त में भाजपा का दामन छोड़ पार्षदों ने नया रास्ता तलाश लिया है. इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, सांसद विनायक राउत और रावेर लोक सभा क्षेत्र के संपर्क प्रमुख विलास पारकर उपस्थित रहे.
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इस बीच, राकांपा नेता एकनाथ खडसे ने भी सत्ता संघर्ष पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, भाजपा ने विकास के लिए अपनी बात नहीं रखी है. एक तरफ भाजपा से लोग तो नाराज हैं ही, वैसे ही भाजपा के नगरसेवक भी खुश नहीं हैं.
बता दें कि 27 पार्षद रविवार को मुंबई के लिए रवाना हुए थे, जिनमें से नौ नगरसेवक सोमवार को शिवसेना में शामिल हो गए. नगरसेवकों की इस सूची में कुलभूषण पाटिल, नवनाथ डार्कुंडे, दिलीप पोकाले, चेतन सनकत, गजानन देशमुख, सुधीर पाटिल, कुंदन काले, भरत कोली, किशोर बावस्कर शामिल हैं.
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वहीं, कुलभूषण पाटिल ने दावा किया है कि 30 नगरसेवक हमारे साथ हैं. नेताओं ने हमें बेदखल कर दिया, इसलिए यह निर्णय लेना पड़ा. उन्होंने कहा, विधायक गिरीश महाजन और सुरेश भोले को अमृत योजना और वाटरग्रास के कुप्रबंधन के बारे में कई शिकायतें मिली थीं. हालांकि, हमारी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया.
खडसे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, जलगांव नगर निगम में भाजपा की एक तरफा शक्ति है, लेकिन पिछले ढाई साल में शहर का कोई विकास नहीं हुआ. भाजपा ने शहर को पीछे ले जाने का काम किया, इसलिए भी नागरिक और नगरसेवक परेशान थे. ऐसे में नाराज नगरसेवकों का भड़कना स्वाभाविक था.