नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) 18 नवंबर तक यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा-इंडिपेंडेंट) भर्ती मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है. भारत की प्रमुख आतंकवाद रोधी एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को नई दिल्ली में ईटीवी भारत को बताया कि एजेंसी कई जिलों में असम पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हम उल्फा के लिए भर्ती की होड़ में शामिल आरोपियों की पहचान करने के अलावा अधिक से अधिक विवरण प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं.
गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद, एनआईए ने उस मामले को अपने हाथ में ले लिया जहां निर्धारित विद्रोही संगठन उल्फा को संगठन के लिए नए कैडर की भर्ती करते हुए पाया गया है. एनआईए ने इस साल 18 मई को आरसी-23/2022/एनआईए/डीएलआई के जरिए स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था. इससे पहले, एक खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आतंकी संगठन ने असम के कई जिलों में बड़े पैमाने पर भर्ती शुरू की है. एनआईए अधिकारी ने कहा कि चार्जशीट में नामजद आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) का मामला दर्ज किया जाएगा.
अधिकारी ने कहा, 'यूएपीए के तहत आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने में अधिकतम छह महीने या 180 दिन लगते हैं. अगर नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) या कुछ और के तहत गिरफ्तार किया जाता है, तो चार्जशीट दाखिल करने में 60 से 90 दिन लगते हैं.' उल्लेखनीय है कि एनआईए ने पिछले सप्ताह इस मामले में असम के सात जिलों में 16 स्थानों पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया था. उल्फा (आई) के खिलाफ दर्ज यह एनआईए मामला संगठन की गतिविधियों से संबंधित है. मामले में संगठन में युवाओं की भर्ती, उल्फा को मजबूत करने के लिए पैसे की जबरन वसूली और गैरकानूनी गतिविधियों के लिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित उनके प्रशिक्षण शिविर शामिल हैं.
ये भी पढ़ें- देखें न्यूयॉर्क में कैसे हुई दिन-दहाड़े लूट, मर्सिडीज में सवार था अपराधी
रिपोर्ट्स के मुताबिक उल्फा पिछले साल से सैकड़ों युवाओं को पहले ही भर्ती कर चुका है और सभी नए रंगरूटों को हथियारों और विस्फोटकों के प्रशिक्षण के लिए म्यांमार भेजा है. म्यांमार को पूर्वोत्तर के कई विद्रोही संगठनों के लिए एक सुरक्षित जगह माना जाता है और पिछले कई दशकों से म्यांमार में घने जंगल उल्फा सहित कई ऐसे विद्रोही संगठनों का आधार रहे है.