कोलकाता : मोमिनपुर हिंसा की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम पश्चिम बंगाल में है (NIA team reaches Mominpur in Kolkata). शनिवार को टीम मोमिनपुर इलाके में जांच करने पहुंची. टीम में पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी के अलावा डीएसपी रैंक के दो अधिकारी भी हैं.
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West Bengal | NIA team reaches Mominpur in Kolkata to probe the October 9 violence. NIA had registered a case in Mominpur violence & will investigate the matter. pic.twitter.com/PW7RA79Zcc
— ANI (@ANI) October 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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एनआईए सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी शनिवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार पहुंचे. वहां उन्होंने कोलकाता पुलिस से बात की. उसके बाद केंद्रीय एजेंसी की टीम कोलकाता बंदरगाह के पास मोमिनपुर के लिए रवाना हुई. उनके साथ लालबाजार के कुछ अधिकारी भी थे. इलाके में पहुंचने पर, एनआईए के अधिकारियों ने पहले घटनास्थल का निरीक्षण किया.
उन्होंने स्थानीय निवासियों से बात की ताकि पता लगाया जा सके कि उस दिन वास्तव में हुआ क्या था. सूत्रों ने यह भी दावा किया कि कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए गए. सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर उस दिन उपद्रव की शुरुआत किस इलाके से हुई और इसके पीछे किस का हाथ है.
कलकत्ता उच्च न्यायालय का ध्यान भी इस हिंसा की ओर गया था, बाद में एनआईए जांच में शामिल हुई. दूसरी ओर कोलकाता पुलिस ने भी घटना की जांच शुरू कर दी है. इस घटना में शामिल होने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. कई मामले भी दर्ज किए गए हैं.
बाद में एनआईए ने इस घटना में एक अलग मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. सूत्रों का दावा है कि जरूरत पड़ने पर एनआईए इस घटना के लिए कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ कर सकती है.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 8 और 9 अक्टूबर को एकबलपुर, मोमिनपुर जैसे इलाकों में बड़े स्तर पर हंगामा हुआ था. कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई. पथराव और बम फेंकने की भी घटनाएं हुई थी. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. देर रात बड़ी संख्या में लोगों ने एकबलपुर थाने का भी घेराव किया था. घटना के बाद दो समुदायों के बीच तनाव पैदा हो गया था.
इस हिंसा को लेकर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने घटना को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा था और तत्काल कार्रवाई की मांग की थी. इसके साथ ही उन्होंने गृह मंत्रालय से केंद्रीय बल तैनात करने का आग्रह किया गया था. बाद में गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को हिंसा की जांच करने का आदेश दिया था.
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