श्रीनगर : मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज के ऑफिस में बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छापा मारा है. खुर्रम परवेज फिलहाल जेल में बंद है और कथित एनजीओ-टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने छापामारी की है. सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की एक टीम ने खुर्रम के एनजीओ जम्मू एंड कश्मीर कोएलिशन ऑफ सिविल सोसाइटीज (जेकेसीसीएस) के बडगाम के दंडूसा स्थित ऑफिस में तलाशी ली. एनजीओ ऑफिस में तलाशी के दौरान एनआईए के अधिकारियों ने कुछ दस्तावेज भी जब्त किए.
गौरतलब है कि खुर्रम, जम्मू-कश्मीर कोएलिशन ऑफ सिविल सोसाइटीज (जेकेसीसीएस) के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर और फिलीपींस स्थित एनजीओ एशियन फेडरेशन अगेंस्ट इनवोलंटरी डिसअपियरेंस (एएफएडी) के अध्यक्ष है. 22 मार्च को कथित एनजीओ टेरर फंडिंग मामले में खुर्रम गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में गिरफ्तार किया गया खुर्रम दूसरा शख्स है. इससे पहले एनआईए ने 20 मार्च को कश्मीर के पत्रकार इरफान महराज को मामले में श्रीनगर से गिरफ्तार किया था.
इरफान, परवेज का करीबी सहयोगी हैं और उनके संगठन जेकेसीसीएस के साथ काम कर रहा था. अक्टूबर 2020 में यह मामला दर्ज किया गया था. यह मामला "अलगाववादी एजेंडा" का प्रचार करने, विदेशों में स्थित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से धन एकत्रित करने और कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए धन का उपयोग करने से संबंधित है. एनआईए ने आरोप लगाया है कि खुर्रम परवेज मानवाधिकारों के लिए लड़ने की आड़ में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और विदेशों में स्थित व्यक्तियों से धन एकत्रित कर रहा है और कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए उस धन का उपयोग कर रहा है.
एनआईए ने आगे कहा कि परवेज और उसके सहयोगियों ने उन लोगों का समर्थन करने के लिए धन जुटाया जो सुरक्षा बलों के जवानों पर हमला करने में शामिल थे. यहां तक कि दूसरों को भी इसी तरह के कामों के लिए समर्थन करने के प्रति प्रेरित किया है. उनके द्वारा जुटाई गई धनराशि का उपयोग भारत सरकार के प्रति घृणा, देश में असंतोष पैदा करने, राष्ट्र-विरोधी और भड़काऊ सामग्री प्रकाशित करने के लिए किया गया है.
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