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NIA अफसर बन कारोबारी से उगाही करने का आरोपी चेन्नई से अरेस्ट, 3 साल से श्रीलंका में छिपा था

तीन साल से फरार तौफीक को तमिलनाडु पुलिस ने मंगलवार को चेन्नई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया. 2020 में खुद को एनआईए अधिकारी बताकर चेन्नई के एक कारोबारी से 3 करोड़ रुपये की उगाही करने का उस पर आरोप है. इस मामले में उसकी पत्नी और सात अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. तौफीक तब से फरार था.

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Published : Jul 25, 2023, 7:49 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु के चेन्नई नॉर्थ बीच पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का अधिकारी बताकर एक व्यवसायी से तीन करोड़ रुपये की उगाही करने के आरोपी एक शख्स को गिरफ्तार किया है. ये शख्स पिछले करीब तीन साल से फरार था और उसे पुलिस ने चेन्नई हवाई अड्डे पर धर दबोचा. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सूत्रों से खबर मिली थी कि आरोपी तौफीक श्रीलंका से चेन्नई फ्लाइट से यहां पहुंचने वाला है, जिसके बाद हवाई अड्डे पर फ्लाइट से उसके उतरते ही चेन्नई नॉर्थ बीच पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों ने बताया कि आरोपी से कई जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं.

गौरतलब है कि तौफीक अगस्त 2020 से श्रीलंका में छिपा हुआ था, जब उसने अपने चार साथियों के साथ चेन्नई के मन्नाडी के रहने वाले एक व्यापारी दीवान अलियास अकबर से तीन करोड़ रुपये की उगाही की थी. घटना 17 अगस्त, 2020 की है. तौफीक ने अपने साथियों के साथ खुद को एनआईए अधिकारी बताकर अकबर को झूठे मामले में फंसाने और फर्जी मुठभेड़ में मारने की धमकी देकर उससे 3 करोड़ रुपये वसूले थे.

उस वक्त पुलिस ने मामले की जांच के दौरान तौफीक की पत्नी सलमा और एक अन्य साथी घाटा कादर सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था. वहीं, मुख्य आरोपी तौफीक श्रीलंका भाग गया था. तौफीक को पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बाद में चेन्नई पुलिस ने तौफीक के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया. यह पता चला है कि तौफीक एक सिलसिलेवार अपराधी है और उसके खिलाफ पूरे भारत में 14 से अधिक मामले दर्ज हैं.

पढ़ें : राजनीतिक दलों पर सीआईसी के फैसले का इस्तेमाल न्यायालय का आदेश लेने के लिए नहीं हो सकता: केंद्र

बता दें कि तौफीक के खिलाफ 2002 में मुंबई में हुए बम धमाके के सिलसिले में भी मामला दर्ज किया गया है. मामले में तौफीक को पहले उत्तर प्रदेश के नोएडा में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में 2015 में अदालत के आदेश पर जमानत पर रिहा कर दिया गया. जेल से रिहा होने के बाद, तौफीक ने 'नाम मनिथर काची' नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई और तमिलनाडु में सक्रिय था. तौफीक के खिलाफ आतंकी आरोपों की भी जांच की जा रही है और एनआईए ने कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने को लेकर उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया है.

चेन्नई : तमिलनाडु के चेन्नई नॉर्थ बीच पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का अधिकारी बताकर एक व्यवसायी से तीन करोड़ रुपये की उगाही करने के आरोपी एक शख्स को गिरफ्तार किया है. ये शख्स पिछले करीब तीन साल से फरार था और उसे पुलिस ने चेन्नई हवाई अड्डे पर धर दबोचा. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सूत्रों से खबर मिली थी कि आरोपी तौफीक श्रीलंका से चेन्नई फ्लाइट से यहां पहुंचने वाला है, जिसके बाद हवाई अड्डे पर फ्लाइट से उसके उतरते ही चेन्नई नॉर्थ बीच पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों ने बताया कि आरोपी से कई जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं.

गौरतलब है कि तौफीक अगस्त 2020 से श्रीलंका में छिपा हुआ था, जब उसने अपने चार साथियों के साथ चेन्नई के मन्नाडी के रहने वाले एक व्यापारी दीवान अलियास अकबर से तीन करोड़ रुपये की उगाही की थी. घटना 17 अगस्त, 2020 की है. तौफीक ने अपने साथियों के साथ खुद को एनआईए अधिकारी बताकर अकबर को झूठे मामले में फंसाने और फर्जी मुठभेड़ में मारने की धमकी देकर उससे 3 करोड़ रुपये वसूले थे.

उस वक्त पुलिस ने मामले की जांच के दौरान तौफीक की पत्नी सलमा और एक अन्य साथी घाटा कादर सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था. वहीं, मुख्य आरोपी तौफीक श्रीलंका भाग गया था. तौफीक को पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बाद में चेन्नई पुलिस ने तौफीक के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया. यह पता चला है कि तौफीक एक सिलसिलेवार अपराधी है और उसके खिलाफ पूरे भारत में 14 से अधिक मामले दर्ज हैं.

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बता दें कि तौफीक के खिलाफ 2002 में मुंबई में हुए बम धमाके के सिलसिले में भी मामला दर्ज किया गया है. मामले में तौफीक को पहले उत्तर प्रदेश के नोएडा में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में 2015 में अदालत के आदेश पर जमानत पर रिहा कर दिया गया. जेल से रिहा होने के बाद, तौफीक ने 'नाम मनिथर काची' नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई और तमिलनाडु में सक्रिय था. तौफीक के खिलाफ आतंकी आरोपों की भी जांच की जा रही है और एनआईए ने कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने को लेकर उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया है.

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