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NIA ने कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया

तमिलनाडु के कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले में एनआईए ने पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक चार्जशीट दायर की है. एनआईए के द्वारा अभी तक इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जा चुका है.

National Investigation Agency
राष्ट्रीय जांच एजेंसी
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Published : Jun 2, 2023, 9:14 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को पिछले साल अक्टूबर में तमिलनाडु के कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया. आरोपियों की पहचान उमर फारूक, फिरोज खान, मोहम्मद तौफीक, शेख हिदायतुल्ला और सनोफर अली के रूप में हुई है. एनआईए ने इससे पहले 20 अप्रैल 2023 को मामले में यूए (पी) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. यह मामला पिछले साल 23 अक्टूबर को कोयम्बटूर के उक्कडम में ईश्वरन कोविल स्ट्रीट पर प्राचीन अरुलमिगु कोट्टई संगमेश्वर थिरुकोविल मंदिर के सामने एक विस्फोट से संबंधित है. इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से लैश वाहन को जेम्शा मुबीन चला रहा था तभी अचानक मंदिर के सामने विस्फोट हो गया था. विस्फोट में मुबीन की मौत हो गई थी. मुबीन आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित था.

एजेंसी ने कहा कि एनआईए ने 27 अक्टूबर मामले की जांच की थी और अब तक इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. जांच से पता चला कि जेमेशा मुबीन ने मोहम्मद असरुथीन, उमर फारूक, शेख हिदायतुल्लाह और सनोफर अली के साथ मिलकर कोयम्बटूर शहर में आत्मघाती आतंकी हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम देने की साजिश रची थी. हमले का इरादा काफिरों (गैर-विश्वासियों) से बदला लेने के लिए था, जैसा कि एक स्व-निर्मित इकबालिया वीडियो में कहा गया है. इस वीडियो को हमले से कुछ दिन पहले बनाया गया था. जांच में आगे पता चला है कि दो आरोपियों, अजहरुद्दीन और अफसर ने जेम्शा मुबीन को विस्फोटकों को खरीदने, मिलाने में मदद की थी, जबकि मोहम्मद तल्हा ने अपराध में इस्तेमाल की गई कार मुहैया कराई थी. वहीं फिरोज, रियाज और नवास नाम के तीन आरोपियों ने जेम्शा को कार में ड्रम और गैस सिलेंडर सहित आईईडी के विभिन्न बिल्डिंग ब्लॉक लोड करने में मदद की थी.

साजिश तमिलनाडु के इरोड जिले के सत्यमंगलम के वन क्षेत्र में रची गई थी, जहां हमले को अंजाम देने के लिए उमर फारुक को अमीर (सेना कमांडर) के रूप में चुना गया था. बदले में, उन्होंने अन्य आरोपी व्यक्तियों को विभिन्न भूमिकाएं सौंपीं थीं. षड्यंत्रकारियों ने आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला के लिए शेष विस्फोटकों का उपयोग करने की योजना बनाई थी. इतना ही नहीं मोहम्मद तौफीक के पास कट्टरपंथी किताबें थीं और आईईडी बनाने के लिए जेमेशा मुबीन द्वारा सौंपी गई एक नोटपैड थी. इसके अलावा उमर फारूक और जेमेशा मुबीन ने भी आतंकी कृत्य को अंजाम देने के लिए फंड इकट्ठा किया था, जबकि आरोपी सनोफर अली ने भी इसके लिए जेम्सा मुबीन की आर्थिक मदद की थी. वहीं फिरोज खान ने रसद सहायता प्रदान करके आतंकवादी हमले को बढ़ावा दिया था. एनआईए ने कहा कि साजिश का बड़ा उद्देश्य सामान्य प्रशासन, पुलिस, न्यायपालिका सहित अन्य विभिन्न शाखाओं को लक्षित करके भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना था.

ये भी पढ़ें - Coimbatore Car Bomb Blast Case: एनआईए ने 6 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को पिछले साल अक्टूबर में तमिलनाडु के कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया. आरोपियों की पहचान उमर फारूक, फिरोज खान, मोहम्मद तौफीक, शेख हिदायतुल्ला और सनोफर अली के रूप में हुई है. एनआईए ने इससे पहले 20 अप्रैल 2023 को मामले में यूए (पी) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. यह मामला पिछले साल 23 अक्टूबर को कोयम्बटूर के उक्कडम में ईश्वरन कोविल स्ट्रीट पर प्राचीन अरुलमिगु कोट्टई संगमेश्वर थिरुकोविल मंदिर के सामने एक विस्फोट से संबंधित है. इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) से लैश वाहन को जेम्शा मुबीन चला रहा था तभी अचानक मंदिर के सामने विस्फोट हो गया था. विस्फोट में मुबीन की मौत हो गई थी. मुबीन आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित था.

एजेंसी ने कहा कि एनआईए ने 27 अक्टूबर मामले की जांच की थी और अब तक इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. जांच से पता चला कि जेमेशा मुबीन ने मोहम्मद असरुथीन, उमर फारूक, शेख हिदायतुल्लाह और सनोफर अली के साथ मिलकर कोयम्बटूर शहर में आत्मघाती आतंकी हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम देने की साजिश रची थी. हमले का इरादा काफिरों (गैर-विश्वासियों) से बदला लेने के लिए था, जैसा कि एक स्व-निर्मित इकबालिया वीडियो में कहा गया है. इस वीडियो को हमले से कुछ दिन पहले बनाया गया था. जांच में आगे पता चला है कि दो आरोपियों, अजहरुद्दीन और अफसर ने जेम्शा मुबीन को विस्फोटकों को खरीदने, मिलाने में मदद की थी, जबकि मोहम्मद तल्हा ने अपराध में इस्तेमाल की गई कार मुहैया कराई थी. वहीं फिरोज, रियाज और नवास नाम के तीन आरोपियों ने जेम्शा को कार में ड्रम और गैस सिलेंडर सहित आईईडी के विभिन्न बिल्डिंग ब्लॉक लोड करने में मदद की थी.

साजिश तमिलनाडु के इरोड जिले के सत्यमंगलम के वन क्षेत्र में रची गई थी, जहां हमले को अंजाम देने के लिए उमर फारुक को अमीर (सेना कमांडर) के रूप में चुना गया था. बदले में, उन्होंने अन्य आरोपी व्यक्तियों को विभिन्न भूमिकाएं सौंपीं थीं. षड्यंत्रकारियों ने आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला के लिए शेष विस्फोटकों का उपयोग करने की योजना बनाई थी. इतना ही नहीं मोहम्मद तौफीक के पास कट्टरपंथी किताबें थीं और आईईडी बनाने के लिए जेमेशा मुबीन द्वारा सौंपी गई एक नोटपैड थी. इसके अलावा उमर फारूक और जेमेशा मुबीन ने भी आतंकी कृत्य को अंजाम देने के लिए फंड इकट्ठा किया था, जबकि आरोपी सनोफर अली ने भी इसके लिए जेम्सा मुबीन की आर्थिक मदद की थी. वहीं फिरोज खान ने रसद सहायता प्रदान करके आतंकवादी हमले को बढ़ावा दिया था. एनआईए ने कहा कि साजिश का बड़ा उद्देश्य सामान्य प्रशासन, पुलिस, न्यायपालिका सहित अन्य विभिन्न शाखाओं को लक्षित करके भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना था.

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