नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कोलकाता में एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष इकबालपुर सांप्रदायिक हिंसा मामले में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया है. मामला कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र में दो समुदायों के बीच हुई झड़प का है. मोहम्मद जीशान अकबर उर्फ जीशान के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 147, 149, 152, 332, 352 और 436 के तहत पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था. एनआईए ने जनवरी में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. एनआईए ने अपने आरोपपत्र में कहा, जांच के दौरान यह पाया गया कि मोहम्मद जीशान अकबर ने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची थी और उसने कोलकाता के भूकैलाश रोड नंबर 8 में हिंदू समुदाय के घरों व दुकानों पर देसी बम, पेट्रोल बम, डंडों और ईंट-पत्थर से हमला करने के इरादे से एक गैरकानूनी सभा जुटाई थी. एनआईए ने आरोप लगाया कि भीड़ ने इलाके में बिजली की आपूर्ति बाधित कर दी और दंगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कर्मियों को गली नंबर 8 में प्रवेश करने से रोक दिया. उनकी चार्जशीट में कहा गया है, भीड़ ने पुलिस कर्मियों पर भी हमला किया, जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.
पाकिस्तान में मौजूदा आकाओ से जुड़ें दर्जनों संदिग्धों की पहचान की गई : एनआईए
पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी आकाओं के संपर्क में रह रहे करीब एक दर्जन संदिग्धों की पहचान की गई है जिसके आधार पर जम्मू-कश्मीर और पंजाब में कई छापेमारी की कार्रवाई की गई. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जून 2022 में एनआईए ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रतिबंधित संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर और काडर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जो पाकिस्तानी कमांडरों या आकाओं के निर्देश पर छद्म नामों से काम कर रहे थे. संघीय एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया, "वर्ष 2022 में की गई कार्रवाई की कड़ी में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, बारामूला, पुलवामा, अनंतनाग, बडगाम और कठुआ सहित छह जिलों के 14 स्थानों और पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के एक ठिकाने पर छापेमारी की कार्रवाई की गई."
अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को इन ठिकानों पर की गई छापेमारी के दौरान डिजिटल उपकरण और अपराध में संलिप्तता से जुड़ी सामग्री जब्त की गई व आगे की जांच चल रही है. अधिकारी ने बताया कि यह मामला पाकिस्तान से कार्य कर रहे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आकाओं द्वारा रची गई साजिश से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि आतंकवादी समूहों के आकाओं ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को कट्टर बनाने, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों, सुरक्षा कर्मियों और धार्मिक कार्यक्रमों या गतिविधियों को निशाना बनाने की साजिश रची थी. उन्होंने बताया, "आरोपियों पर सोशल मीडिया के जरिये जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के भी आरोप है." प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान 12 संदिग्धों की पहचान की गई जो पाकिस्तान में मौजूद विभिन्न आकाओं के संपर्क में थे. उन्होंने बताया कि संदिग्धों से जुड़े विभिन्न ठिकानों की जम्मू-कश्मीर और पंजाब में तलाशी ली गई.
(एजेंसी-इनपुट)