चेन्नई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भारत और श्रीलंका में लिट्टे को पुनर्जीवित करने के प्रयासों से संबंधित भारत-श्रीलंका में अवैध ड्रग्स और हथियारों के व्यापार मामले में श्रीलंकाई नागरिकों सहित 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की. चार्जशीट में शामिल आरोपियों ने विझिंजम आर्म्स केस में अभियुक्तों के साथ साजिश रची थी.
आरोपियों का उद्देश्य भारत और श्रीलंका में लिट्टे (LTTE) को बढ़ावा देना, ड्रग्स धंधे का फायदा उठाना, फंडिंग जमा करने और हथियार जमा करना था. आरोपी ड्रग्स का धंधा हाजी सलीम नामक शख्स से करता था. संदेह है कि यह शख्स पाकिस्तान का रहने वाला है. पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए आरोपी विदेशी व्हाट्सएप नंबरों का उपयोग करते थे.
मामले की जांच ने ड्रग्स के माध्यम से लिट्टे के पुनरुद्धार की साजिश का पर्दाफाश किया था. उन्हें त्रिची स्पेशल कैंप में गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपी पैसे का इस्तेमाल ऐशो-आराम के लिए करता था. आरोपियों के पास से प्री-एक्टिवेटेड भारतीय सिम कार्ड वाले कई मोबाइल फोन जब्त किए गए. साथ ही कई डिजिटल उपकरण, ड्रग्स लेनदेन से जुड़े दस्तावेज, 80 लाख रुपये की नकदी और नौ सोने की छड़ें भी जब्त कीं.
यह नकदी और सोना ड्रग्स की बिक्री से प्राप्त आय थी और इसे चेन्नई और श्रीलंका के बीच हवाला नेटवर्क के माध्यम से भेजा जा रहा था. आरोपियों के क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में शामिल होने के बारे में भी पता चला. एनआईए ने 8 जुलाई 2022 को मुकदमा दायर किया था और 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों में तीन भारतीय सेल्वाकुमार, एम विग्नेश्वर पेरुमल @ विक्की और अय्यपन नंदू @ अय्यप्पन नंदू शामिल हैं.
शेष 10 श्रीलंकाई हैं, जिनकी पहचान सी गुनसेकरन @ गुना, पुष्पराजह @ पुकुट्टी कन्ना, मोहम्मद असमिन, अलहापेरुमागा सुनील गामिनी फोंसेका, स्टेनली केनेडी फर्नांडो, धानुका रोशन, लदिया @ नलिन चतुरंगा, वेला सुरंगा @ गामगे सुरंगा प्रदीप, थिलिपन @ दिलीपन, दानरत्नम और नीलुक्षण के रूप में की गई है. जबकि विक्की और नंदू को इस साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था, अन्य को दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था.