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एनआईए की हिरासत मेरे जीवन का सबसे दर्दनाक समय : सचिन वाजे

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Published : Nov 30, 2021, 5:13 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 8:02 PM IST

सचिन वाजे ने मंगलवार को जांच आयोग को बताया कि एंटीलिया मामले में गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में गुजरा समय उनके जीवन का सबसे दर्दनाक समय था और दावा किया कि उन्होंने कई दस्तावेजों पर दबाव में हस्ताक्षर किए.

सचिन वाजे
सचिन वाजे

मुंबई : बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने मंगलवार को जांच आयोग को बताया कि एंटीलिया मामले में गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में गुजरा समय उनके जीवन का सबसे दर्दनाक समय था और दावा किया कि उन्होंने कई दस्तावेजों पर दबाव में हस्ताक्षर किए.

इस साल फरवरी में दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास 'एंटीलिया' के पास एक एसयूवी से विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी. बाद में, कारोबारी मनसुख हिरन, जिनकी एसयूवी थी, पड़ोस के ठाणे जिले के मुंब्रा में मृत पाए गए थे.

उस समय सहायक पुलिस निरीक्षक के रूप में कार्यरत वाजे, को एनआईए ने मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.

वर्तमान में न्यायमूर्ति के यू चांदीवाल आयोग द्वारा उनसे पूछताछ की जा रही है. आयोग मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है.

अनिल देशमुख की वकील अनीता कैस्टेलिनो के एक सवाल के जवाब में कि क्या एनआईए की हिरासत में किसी तरह का दबाव या असहज स्थिति थी, वाजे ने कहा, हां, बिल्कुल. उन्होंने कहा, 'यह मेरे जीवन का सबसे ज्यादा मानसिक आघात देने वाला समय था.'

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, वाजे ने कहा कि उन 28 दिनों में (केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में बिताया गया समय), केवल एनआईए ही उनका उत्पीड़न और अपमान कर रही थी. साथ ही कहा, 'मैं कहता हूं कि मैं अब भी सदमे में हूं.'

वाजे ने यह भी दावा किया कि उन्होंने एनआईए अधिकारियों के दबाव में विभिन्न दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.

पढ़ें - परमबीर सिंह और सचिन वाजे की मुलाकात पर जांच के आदेश

उन्होंने कहा कि उन्हें दस्तावेजों की एक प्रति और पंचनामा उपलब्ध कराने के उनके अनुरोध को एनआईए अदालत ने अस्वीकार कर दिया था. वाजे से पूछताछ बुधवार को भी जारी रहेगी.

इससे पहले दिन में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख आयोग के समक्ष पेश हुए. परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए इस साल मार्च में महाराष्ट्र सरकार द्वारा न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) चांदीवाल आयोग का गठन किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने मंगलवार को जांच आयोग को बताया कि एंटीलिया मामले में गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में गुजरा समय उनके जीवन का सबसे दर्दनाक समय था और दावा किया कि उन्होंने कई दस्तावेजों पर दबाव में हस्ताक्षर किए.

इस साल फरवरी में दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास 'एंटीलिया' के पास एक एसयूवी से विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी. बाद में, कारोबारी मनसुख हिरन, जिनकी एसयूवी थी, पड़ोस के ठाणे जिले के मुंब्रा में मृत पाए गए थे.

उस समय सहायक पुलिस निरीक्षक के रूप में कार्यरत वाजे, को एनआईए ने मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.

वर्तमान में न्यायमूर्ति के यू चांदीवाल आयोग द्वारा उनसे पूछताछ की जा रही है. आयोग मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है.

अनिल देशमुख की वकील अनीता कैस्टेलिनो के एक सवाल के जवाब में कि क्या एनआईए की हिरासत में किसी तरह का दबाव या असहज स्थिति थी, वाजे ने कहा, हां, बिल्कुल. उन्होंने कहा, 'यह मेरे जीवन का सबसे ज्यादा मानसिक आघात देने वाला समय था.'

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, वाजे ने कहा कि उन 28 दिनों में (केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में बिताया गया समय), केवल एनआईए ही उनका उत्पीड़न और अपमान कर रही थी. साथ ही कहा, 'मैं कहता हूं कि मैं अब भी सदमे में हूं.'

वाजे ने यह भी दावा किया कि उन्होंने एनआईए अधिकारियों के दबाव में विभिन्न दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.

पढ़ें - परमबीर सिंह और सचिन वाजे की मुलाकात पर जांच के आदेश

उन्होंने कहा कि उन्हें दस्तावेजों की एक प्रति और पंचनामा उपलब्ध कराने के उनके अनुरोध को एनआईए अदालत ने अस्वीकार कर दिया था. वाजे से पूछताछ बुधवार को भी जारी रहेगी.

इससे पहले दिन में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख आयोग के समक्ष पेश हुए. परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए इस साल मार्च में महाराष्ट्र सरकार द्वारा न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) चांदीवाल आयोग का गठन किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 30, 2021, 8:02 PM IST
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