ETV Bharat / bharat

महाराष्ट्र में आतंकवाद से जुड़े मामले में तीन लोगों को 10 साल का कारावास - nia court convicts three let terrorist

मुंबई सत्र न्यायालय की एक विशेष एनआईए अदालत ने नांदेड़ के तीन लोगों को आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में 10 साल जेल की सजा सुनाई है, जबकि दो अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.

विशेष एनआईए अदालत
विशेष एनआईए अदालत
author img

By

Published : Jun 16, 2021, 12:53 PM IST

मुंबई : देश में अशांति फैलाने के लिए हिन्दू नेताओं और पत्रकारों की हत्या का षड्यंत्र रचने के मामले में मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने तीन लोगों को 10 साल की सजा सुनाई है. महाराष्ट्र के नांदेड़ से 5 आरोपियों को 2012 में गिरफ्तार किया गया था. विशेष न्यायाधीश डी ई कोठलीकर ने दो अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने 2012 में नांदेड़ से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी.

अदालत ने मंगलवार को मोहम्मद अकरम, मोहम्मद मुजम्मिल और मोहम्मद सादिक को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) तथा शस्त्र कानून के तहत दोषी ठहराया, उन्हें 10 साल के कारावास की सजा सुनाई. मामले में मोहम्मद इरफान और मोहम्मद इलियास को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

एनआईए के अनुसार अकरम रोजगार के बहाने सऊदी अरब गया था और वहां रहने के दौरान वह पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के विभिन्न लोगों के संपर्क में आया.

एजेंसी ने कहा कि सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अकरम ने अपने आकाओं के साथ मिलकर नांदेड़, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में जाने-माने हिन्दू नेताओं, पत्रकारों और पुलिस अधिकारियों की हत्या करने का षड्यंत्र रचा.

एनआईए ने अदालत से कहा कि इससे पहले कि आरोपी अपने षड्यंत्र को अंजाम दे पाते, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

मुंबई : देश में अशांति फैलाने के लिए हिन्दू नेताओं और पत्रकारों की हत्या का षड्यंत्र रचने के मामले में मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने तीन लोगों को 10 साल की सजा सुनाई है. महाराष्ट्र के नांदेड़ से 5 आरोपियों को 2012 में गिरफ्तार किया गया था. विशेष न्यायाधीश डी ई कोठलीकर ने दो अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने 2012 में नांदेड़ से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी.

अदालत ने मंगलवार को मोहम्मद अकरम, मोहम्मद मुजम्मिल और मोहम्मद सादिक को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) तथा शस्त्र कानून के तहत दोषी ठहराया, उन्हें 10 साल के कारावास की सजा सुनाई. मामले में मोहम्मद इरफान और मोहम्मद इलियास को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

एनआईए के अनुसार अकरम रोजगार के बहाने सऊदी अरब गया था और वहां रहने के दौरान वह पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के विभिन्न लोगों के संपर्क में आया.

एजेंसी ने कहा कि सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अकरम ने अपने आकाओं के साथ मिलकर नांदेड़, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में जाने-माने हिन्दू नेताओं, पत्रकारों और पुलिस अधिकारियों की हत्या करने का षड्यंत्र रचा.

एनआईए ने अदालत से कहा कि इससे पहले कि आरोपी अपने षड्यंत्र को अंजाम दे पाते, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.