श्रीनगर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को श्रीनगर के नौहट्टा इलाके के गनी मोहल्ला में अल-उमर मुखिया मुश्ताक जरगर उर्फ 'लटरम' के घर को कुर्क कर लिया.
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने जरगर जो वर्तमान में पाकिस्तान में है, उसे यूएपीए के तहत 'आतंकवादी' के रूप में घोषित किया है. यूएपीए उग्रवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए एक कठोर अधिनियम है.
खबरों के मुताबिक स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक सीआरपीएफ की सहायता से एनआईए की एक टीम ने आज सुबह श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में स्थित लटरम की संपत्ति कुर्क की. एनआईए के एक प्रवक्ता के अनुसार गनई मोहल्ला जामिया मस्जिद, नौहट्टा, श्रीनगर में जरगर के दो मरला घर को यूए (पी) ए के प्रावधानों के तहत कुर्क किया गया है.
15 मई 1992 को जरगर को गिरफ्तार किया गया था. फिर 1999 में जैश प्रमुख मसूद अजहर और शेख उमर के साथ रिहा कर दिया गया था. 1999 में अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 के यात्रियों के बदले उन्हें छोड़ा गया था.
विमान नेपाल के काठमांडू में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रास्ते में था. उसका अपहरण कर लिया गया और कंधार ले जाया गया, जहां तीन आतंकियों के बदले में बंधकों को रिहा कर दिया गया. यह बातचीत तत्कालीन भाजपा विदेश मंत्री जसवंत सिंह के नेतृत्व में हुई थी.
जरगर 1989 में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण में भी शामिल था. जरगर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक नामित आतंकवादी है. रिहाई के बाद से ही वह पाकिस्तान से काम कर रहा है और घाटी में आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषित करता रहा है.