नई दिल्ली : एनआईए ने पुणे खालिस्तान मामले में फरार खालिस्तानी आतंकवादी गुरजीत सिंह निज्जर को गिरफ्तार किया है. वह साइप्रस में छिपा था. खालिस्तानी आतंकवादी गुरजीत सिंह निज्जर के साइप्रस से निर्वासन पर दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया.
निज्जर को कथित तौर पर अलग खालिस्तान राज्य बनाने के लिए भारत में फिर से सिख आतंकवाद को जन्म देने की आपराधिक साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
यूएपीए के तहत मामला दर्ज
एनआईए ने पिछले साल जनवरी में आरोपी हरपाल सिंह के खिलाफ शस्त्र अधिनियम, महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था.
आपराधिक साजिश के आरोप
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि निज्जर, मुख्य साजिशकर्ता हरपाल और मोइन खान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय थे और उन्होंने कथित तौर पर अलग खालिस्तान राज्य बनाने के मकसद से सिख आतंकवाद को जन्म देने की आपराधिक साजिश रची थी.
समान विचार वाले सिख युवकों को जोड़ना
अधिकारी के अनुसार साजिश के तहत तीनों आतंकवादी ऐसे वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करते थे जिनमें जगतार सिंह हवारा (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी) की तारीफ होती थी. इसमें 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार, बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंधित सामग्री होती थी. उनका एकमात्र इरादा तथाकथित खालिस्तान आंदोलन में समान विचारों वाले सिख युवकों को जोड़ना था.
तिहाड़ में कैद के दौरान साजिश
एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि मोइन 2013 से 2016 तक तिहाड़ जेल में था. इस दौरान उसने हवारा के साथ तालमेल बढ़ाया और उसके साथ काम करने की इच्छा जताई. उसने हवारा के साथ अपना संपर्क नंबर भी साझा किया.
नजदीकी बढ़ाने के लिए फेसबुक का प्रयोग
अधिकारी के मुताबिक इसके बाद मोइन ने साजिश के तहत अपने अकाउंट से फेसबुक आईडी 'खालिस्तानी जिंदाबाद खालिस्तान' पर दोस्ती का अनुरोध भेजा. इससे वह हरपाल और निज्जर के संपर्क में आया.
गोला-बारूद खरीदने का निर्देश
निज्जर ने मोइन से 'भारत में मुसलमानों तथा सिखों के खिलाफ कथित अत्याचार की बात की और उसे अलग खालिस्तान राज्य के लिए काम करने को मना लिया.' निज्जर ने मोइन को 2018 में एक पिस्तौल और गोला-बारूद खरीदने का निर्देश दिया.
लुकआउट सर्कुलर जारी
एनआईए ने पिछले साल मई में विशेष एनआईए अदालत में निज्जर, हरपाल, मोइन और सुंदर लाल पाराशर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. पंजाब के अमृतसर के रहने वाला निज्जर अक्टूबर 2017 में देश छोड़कर साइप्रस चला गया था. इसके बाद उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया.