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आनंद तेलतुंबडे की जमानत के खिलाफ NIA ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

आनंद तेलतुंबडे को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ NIA ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

NIA approaches Supreme Court against the Bombay High Court order granting bail to Anand Teltumbde
आनंद तेलतुंबडे की जमानत के खिलाफ NIA ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
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Published : Nov 22, 2022, 11:30 AM IST

Updated : Nov 22, 2022, 11:46 AM IST

नई दिल्ली: भीमा कोरेगांव मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपी आनंद तेलतुंबडे को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ NIA ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार, 25 नवंबर को मामले की सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील का संज्ञान लिया कि जमानत से संबंधित उच्च न्यायालय के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक सिर्फ एक हफ्ते के लिए है, लिहाजा मामले में तत्काल सुनवाई किए जाने की जरूरत है.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने मेहता से कहा कि हम इस पर शुक्रवार को सुनवाई करेंगे. बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में तेलतुंबडे को जमानत दे दी थी. तेलतुंबडे को यह जमानत एक लाख रुपये के मुचलके पर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुरोध पर अदालत ने एक सप्ताह के लिए आदेश पर रोक लगा दी. एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिंसा भड़क गई थी.

पढ़ें: एल्गार परिषद मामला: HC ने एनआईए से आनंद तेलतुंबडे की याचिका पर मांगा जवाब

जिसमें एक की मौत हो गई और 10 पुलिसकर्मियों सहित कई घायल हो गए. भीमा-कोरेगांव में झड़पों के बाद जनवरी में राज्यव्यापी बंद के दौरान पुलिस ने 162 लोगों के खिलाफ 58 मामले दर्ज किए थे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 82 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता पी वरवरा राव को जमानत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अंतरिम आदेश में भीमा कोरेगांव के एक अन्य आरोपी गौतम नवलखा को उनकी स्वास्थ्य स्थिति और वृद्धावस्था को देखते हुए एक महीने की अवधि के लिए घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी.

जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने नवलखा को घर में नजरबंद होने पर उनके सुरक्षा कवर के खर्च के रूप में 2.4 लाख रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया.

नई दिल्ली: भीमा कोरेगांव मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपी आनंद तेलतुंबडे को जमानत देने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ NIA ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार, 25 नवंबर को मामले की सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील का संज्ञान लिया कि जमानत से संबंधित उच्च न्यायालय के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक सिर्फ एक हफ्ते के लिए है, लिहाजा मामले में तत्काल सुनवाई किए जाने की जरूरत है.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने मेहता से कहा कि हम इस पर शुक्रवार को सुनवाई करेंगे. बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में तेलतुंबडे को जमानत दे दी थी. तेलतुंबडे को यह जमानत एक लाख रुपये के मुचलके पर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुरोध पर अदालत ने एक सप्ताह के लिए आदेश पर रोक लगा दी. एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव लड़ाई के 200 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिंसा भड़क गई थी.

पढ़ें: एल्गार परिषद मामला: HC ने एनआईए से आनंद तेलतुंबडे की याचिका पर मांगा जवाब

जिसमें एक की मौत हो गई और 10 पुलिसकर्मियों सहित कई घायल हो गए. भीमा-कोरेगांव में झड़पों के बाद जनवरी में राज्यव्यापी बंद के दौरान पुलिस ने 162 लोगों के खिलाफ 58 मामले दर्ज किए थे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 82 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता पी वरवरा राव को जमानत दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अंतरिम आदेश में भीमा कोरेगांव के एक अन्य आरोपी गौतम नवलखा को उनकी स्वास्थ्य स्थिति और वृद्धावस्था को देखते हुए एक महीने की अवधि के लिए घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी.

जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने नवलखा को घर में नजरबंद होने पर उनके सुरक्षा कवर के खर्च के रूप में 2.4 लाख रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया.

Last Updated : Nov 22, 2022, 11:46 AM IST
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