नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (खनन) को तीन माह के अंदर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा.
पीठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, खनन तीन माह के अंदर ई-मेल के माध्यम से अनुपालना रिपोर्ट पेश करें. रिपोर्ट में बांदा जिले के लिए किए गए खनन संबंधी अध्ययन के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी, डूब क्षेत्र में खनन की स्थिति और निगरानी व्यवस्था के बारे में भी बताएं.
एनजीटी ने बहरहाल, इस मामले में अंतरिम आदेश देने से इंकार कर दिया और इस पर विचार के लिए 11 नवंबर 2021 की तारीख नियत कर दी. साथ ही एनजीटी ने आवेदक को दस्तावेजों का एक सेट उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, खनन को देने का भी आदेश दिया.
इसे भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों के कारण हो रहा अधिक वायु प्रदूषण : एनजीटी
उत्तर प्रदेश के रहने वाले राजकुमार और रामकरण ने बांदा जिले के कांवरा और बेंदाखादर गांवों में अवैध खनन को लेकर यह अपील दायर कर दी. अपील में मेसर्स दुर्गे ट्रेडिंग कंपनी और आशीष कुमार गौतम पर अवैध खनन का आरोप लगाया गया है.
(पीटीआई-भाषा)