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पुणे में रसायन कारखाने में आग के कारणों की जांच के लिए एनजीटी ने समिति बनाई - नई दिल्ली

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पुणे जिले में एक रसायन फैक्टरी में आग लगने के कारणों का पता लगाने और जान-माल तथा पर्यावरण को हुए नुकसान के संदर्भ में क्षतिपूर्ति तय करने के लिए एक समिति का गठन किया है. इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई थी.

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Published : Jun 23, 2021, 4:26 PM IST

नई दिल्ली : एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पांच सदस्यीय संयुक्त समिति बनाई है. जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक सुरक्षा व आरोग्य संचालनालय, पुणे जिलाधिकारी और आईआईटी मुंबई (रसायन अभियांत्रिकी विभाग) के प्रतिनिधि शामिल हैं.

उल्लेखनीय है कि पुणे शहर के बाहरी क्षेत्र पिरांगुट एमआईडीसी स्थित क्लोरीन डाइऑक्साइड विनिर्माण से जुड़े एसवीएस अक्वा टेक्नोलॉजीज कारखाने में सात जून को भीषण आग लग गई थी. पीठ ने कहा कि समिति घटना के पीछे कारण और इसके जिम्मेदार लोगों का पता लगाएगी.

नुकसान का आकलन करेगी और पर्यावरण को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति, मृतकों के परिजनों तथा घायलों के लिए मुआवजा राशि तय करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इस बारे में विचार करेगी.

यह भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर में आम चुनाव पर देश की नजरें, सर्वदलीय बैठक का स्वागत : मायावती

एनजीटी ने समिति से अगले दो हफ्ते के भीतर घटनास्थल पर जाने और तीन महीने के भीतर ई-मेल के जरिए रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. मामले में अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पांच सदस्यीय संयुक्त समिति बनाई है. जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक सुरक्षा व आरोग्य संचालनालय, पुणे जिलाधिकारी और आईआईटी मुंबई (रसायन अभियांत्रिकी विभाग) के प्रतिनिधि शामिल हैं.

उल्लेखनीय है कि पुणे शहर के बाहरी क्षेत्र पिरांगुट एमआईडीसी स्थित क्लोरीन डाइऑक्साइड विनिर्माण से जुड़े एसवीएस अक्वा टेक्नोलॉजीज कारखाने में सात जून को भीषण आग लग गई थी. पीठ ने कहा कि समिति घटना के पीछे कारण और इसके जिम्मेदार लोगों का पता लगाएगी.

नुकसान का आकलन करेगी और पर्यावरण को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति, मृतकों के परिजनों तथा घायलों के लिए मुआवजा राशि तय करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इस बारे में विचार करेगी.

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एनजीटी ने समिति से अगले दो हफ्ते के भीतर घटनास्थल पर जाने और तीन महीने के भीतर ई-मेल के जरिए रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. मामले में अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी.

(पीटीआई-भाषा)

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