चामराजनगर : कोरोना महामारी को लेकर लोगों में इतना खौफ बैठ गया है कि स्वभाविक मौत को भी कोरोना से मौत मान रहे हैं. यहां तक की अपनों के दाह संस्कार करने में भी संकोच कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कर्नाटक के चामराजनगर से आया है. यहां एक बुजुर्ग की मौत हो गई, लेकिन परिवार वाले दाह संस्कार के लिए आगे नहीं आए. कोरोना के डर की वजह से कोई भी बुजुर्ग की लाश को छुने को तैयार नहीं था. बाद में PFI संगठन को इस बात की जानकारी दी गई.
तालुक के अलहल्ली गांव निवासी माधव की मृत्यु हो गई. कोरोना के चलते पड़ोसी और परिवार के सदस्य अंतिम संस्कार करने में संकोच कर रहे थे. जबकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं थे.
माधव के बड़े भाई के बेटे ने अंतिम संस्कार करने के लिए पीएफआई युवाओं को मदद के लिए बुलाया. जिसके तुरंत बाद 8 युवकों का एक दल घटनास्थल पर पहुंचा.
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पीएफआई युवा लाश को सीढ़ी की मदद से बाइक पर रखा और पुलिस की मदद से एक चरागाह में दफनाया.