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किसान आंदोलन में खत्म हो गतिरोध, दिल्ली में देश भर के किसान संगठन करेंगे बैठक

कई महीने से चल रहा किसानों का आंदोलन अब संसद मार्च में तब्दील हो चुका है. बुधवार को 100 से ज्यादा किसान संगठन रकाबगंज में जुटेंगे. इस बीच किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे वीएम सिंह चाहते हैं कि गतिरोध दूर हो. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे हल निकाला जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर.

सरदार वीएम सिंह
सरदार वीएम सिंह
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Published : Aug 3, 2021, 8:05 PM IST

नई दिल्ली : तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और आंदोलनरत किसान मोर्चा के बीच गतिरोध बरकरार है लेकिन देश में करोड़ों किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले सैंकड़ों ऐसे किसान संगठन भी हैं जो वार्ता और चर्चा के माध्यम से समाधान कर आगे बढ़ना चाहते हैं.

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (National Farmer's Labor Organization) के अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह बुधवार को दिल्ली में ऐसे किसान संगठनों की एक बैठक आयोजित कर रहे हैं जो तीन कृषि कानूनों में संशोधन के माध्यम से समाधान चाहते हैं.

100 से ज्यादा किसान संगठन जुटेंगे

'ईटीवी भारत' ने किसान नेता सरदार वीएम सिंह से विशेष बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि 20 राज्यों के 100 से ज्यादा किसान संगठन बुधवार को गुरुद्वारा रकाबगंज में होने वाली बैठक में मौजूद रहेंगे. जो किसान नेता स्वयं दिल्ली नहीं पहुंच सकते वह वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़ेंगे.

रकाबगंज से रखी गई थी आंदोलन की नींव
बता दें कि बीते 9 महीनों से दिल्ली के बोर्डरों पर चल रहे आंदोलन की नींव भी दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज से ही रखी गई थी जब अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह ने लगभग पांच सौ किसान संगठनों को एकजुट कर 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया था. हालांकि बाद में वीएम सिंह उस मोर्चे से अलग कर दिए गए लेकिन उनका कहना है कि वह एमएसपी की गारंटी और कानून में संशोधन की बात पर किसानों के साथ हमेशा खड़े रहे हैं.

आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे वीएम सिंह ने कही ये बात

सरदार वीएम सिंह से खास बातचीत

दो दशकों से किसानों के आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे वीएम सिंह का कहना है कि यदि सरकार एमएसपी पर गारंटी देने के लिए तैयार हो जाती है और कुछ अन्य संशोधन तीन कृषि कानूनों में कर देती है तो देश के सभी प्रांत के किसानों का हित होगा. वह ऐसा करने के लिए सरकार के साथ चर्चा में बैठना चाहते हैं और कानूनों पर बिंदुवार चर्चा कर संशोधन का परामर्श देना चाहते हैं. हालांकि दिल्ली के बोर्डरों पर बैठे आंदोलनरत किसान संगठन तीन कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं लेकिन ऐसे संगठनों की संख्या भी बहुत है जिन्हें आवश्यक संशोधन के बाद तीनों कृषि कानूनों से कोई समस्या नहीं है.

वीएम सिंह ने कहा, ऐसे निकाला जा सकता है समाधान

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह का कहना है कि यदि सरकार एमएसपी पर गारंटी के साथ खरीद का कानून बना देती है तो किसान को उसके फसल का वाजिब दाम मिलेगा. उसके बाद उनकी फसल कोई भी खरीदे, किसान किसी से भी करार करे इससे उसकी आमदनी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

इसके साथ ही वीएम सिंह चाहते हैं कि सरकार किसानों को गारंटी दे कि उनकी जमीनों का कोई अधिग्रहण नहीं होगा, उन्हें कोर्ट जाने का पूरा अधिकार होगा और आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) 2020 में भी सरकार जरूरी बदलाव करेगी. इस तरह से समाधान निकाला जा सकता है. एक तरफ बीते 14 दिनों से संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान संसद का आयोजन कर रहा है दूसरी तरफ अब एक ऐसा मोर्चा उठ खड़ा हुआ है जो इस गतिरोध को समाप्त कर संशोधन की बात पर सहमती बनाने का प्रयास करेगा.

'केवल आंदोलन लंबा खींचना लक्ष्य नहीं होना चाहिए'

वीएम सिंह कहते हैं कि केवल आंदोलन लंबा खींचना लक्ष्य नहीं होना चाहिए. आज यह देखने की जरूरत है कि हासिल क्या हो रहा है. पांच सौ से ज्यादा किसानों की मृत्यु हुई है, उनके परिवारों का दर्द और किसानों को हो रहे नुकसान को भी देखना होगा. उन किसानों के बारे में भी विचार करने की जरूरत है जो अपने अपने क्षेत्र में रहते हुए ही आंदोलन का समर्थन करते रहे हैं. वीएम सिंह का मानना है कि कोई बीच का रास्ता निकल सकता है जिससे किसानों को भी फायदा होगा और सरकार की बात भी रह जाएगी.

पढ़ें- भाजपा सांसद ने लगाई सवालों की झड़ी, राज्यमंत्री के बाद खुद कृषि मंत्री तोमर को देना पड़ा जवाब

नई दिल्ली : तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और आंदोलनरत किसान मोर्चा के बीच गतिरोध बरकरार है लेकिन देश में करोड़ों किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले सैंकड़ों ऐसे किसान संगठन भी हैं जो वार्ता और चर्चा के माध्यम से समाधान कर आगे बढ़ना चाहते हैं.

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (National Farmer's Labor Organization) के अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह बुधवार को दिल्ली में ऐसे किसान संगठनों की एक बैठक आयोजित कर रहे हैं जो तीन कृषि कानूनों में संशोधन के माध्यम से समाधान चाहते हैं.

100 से ज्यादा किसान संगठन जुटेंगे

'ईटीवी भारत' ने किसान नेता सरदार वीएम सिंह से विशेष बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि 20 राज्यों के 100 से ज्यादा किसान संगठन बुधवार को गुरुद्वारा रकाबगंज में होने वाली बैठक में मौजूद रहेंगे. जो किसान नेता स्वयं दिल्ली नहीं पहुंच सकते वह वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़ेंगे.

रकाबगंज से रखी गई थी आंदोलन की नींव
बता दें कि बीते 9 महीनों से दिल्ली के बोर्डरों पर चल रहे आंदोलन की नींव भी दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज से ही रखी गई थी जब अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह ने लगभग पांच सौ किसान संगठनों को एकजुट कर 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया था. हालांकि बाद में वीएम सिंह उस मोर्चे से अलग कर दिए गए लेकिन उनका कहना है कि वह एमएसपी की गारंटी और कानून में संशोधन की बात पर किसानों के साथ हमेशा खड़े रहे हैं.

आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे वीएम सिंह ने कही ये बात

सरदार वीएम सिंह से खास बातचीत

दो दशकों से किसानों के आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे वीएम सिंह का कहना है कि यदि सरकार एमएसपी पर गारंटी देने के लिए तैयार हो जाती है और कुछ अन्य संशोधन तीन कृषि कानूनों में कर देती है तो देश के सभी प्रांत के किसानों का हित होगा. वह ऐसा करने के लिए सरकार के साथ चर्चा में बैठना चाहते हैं और कानूनों पर बिंदुवार चर्चा कर संशोधन का परामर्श देना चाहते हैं. हालांकि दिल्ली के बोर्डरों पर बैठे आंदोलनरत किसान संगठन तीन कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं लेकिन ऐसे संगठनों की संख्या भी बहुत है जिन्हें आवश्यक संशोधन के बाद तीनों कृषि कानूनों से कोई समस्या नहीं है.

वीएम सिंह ने कहा, ऐसे निकाला जा सकता है समाधान

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह का कहना है कि यदि सरकार एमएसपी पर गारंटी के साथ खरीद का कानून बना देती है तो किसान को उसके फसल का वाजिब दाम मिलेगा. उसके बाद उनकी फसल कोई भी खरीदे, किसान किसी से भी करार करे इससे उसकी आमदनी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

इसके साथ ही वीएम सिंह चाहते हैं कि सरकार किसानों को गारंटी दे कि उनकी जमीनों का कोई अधिग्रहण नहीं होगा, उन्हें कोर्ट जाने का पूरा अधिकार होगा और आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) 2020 में भी सरकार जरूरी बदलाव करेगी. इस तरह से समाधान निकाला जा सकता है. एक तरफ बीते 14 दिनों से संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान संसद का आयोजन कर रहा है दूसरी तरफ अब एक ऐसा मोर्चा उठ खड़ा हुआ है जो इस गतिरोध को समाप्त कर संशोधन की बात पर सहमती बनाने का प्रयास करेगा.

'केवल आंदोलन लंबा खींचना लक्ष्य नहीं होना चाहिए'

वीएम सिंह कहते हैं कि केवल आंदोलन लंबा खींचना लक्ष्य नहीं होना चाहिए. आज यह देखने की जरूरत है कि हासिल क्या हो रहा है. पांच सौ से ज्यादा किसानों की मृत्यु हुई है, उनके परिवारों का दर्द और किसानों को हो रहे नुकसान को भी देखना होगा. उन किसानों के बारे में भी विचार करने की जरूरत है जो अपने अपने क्षेत्र में रहते हुए ही आंदोलन का समर्थन करते रहे हैं. वीएम सिंह का मानना है कि कोई बीच का रास्ता निकल सकता है जिससे किसानों को भी फायदा होगा और सरकार की बात भी रह जाएगी.

पढ़ें- भाजपा सांसद ने लगाई सवालों की झड़ी, राज्यमंत्री के बाद खुद कृषि मंत्री तोमर को देना पड़ा जवाब

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