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भारत- यूके व्यापार और निवेश डील से बढ़ेंगी नौकरियां : बोरिस जॉनसन - नए रोजगार सृजित

विदेश मंत्रालय के अनुसार शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं द्वारा एक व्यापक रोडमैप 2030 लॉन्च किया जाएगा, जो अगले कई दशकों तक भारत-ब्रिटेन सहयोग को और अधिक विस्तारित और गहरा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. उन्होंने कहा भारत- यूके व्यापार और निवेश डील से यूके में 6,500 से अधिक नए रोजगार सृजित होंगे.

भारत- यूके व्यापार और निवेश डील
भारत- यूके व्यापार और निवेश डील
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Published : May 4, 2021, 7:54 PM IST

नई दिल्ली : ब्रिटेन के प्रधान मंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित किए गए नए यूके-भारत व्यापार और निवेश के लिए एक बिलियन पाउंड के कारण यूके में 6,500 से अधिक नए रोजगार सृजित होंगे. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम बोरिस जॉनसन के गुप्त वर्चुअल बैठक की.

विदेश मंत्रालय के अनुसार शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं द्वारा एक व्यापक रोडमैप 2030 लॉन्च किया जाएगा, जो अगले कई दशकों तक भारत-ब्रिटेन सहयोग को और अधिक विस्तारित और गहरा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. विशेष रूप से पांच क्षेत्रों में, इनमें लोगों से लोगों के बीच संबंध, व्यापार और समृद्धि, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं.

इसमें ट्रेड पार्टनरशिप पर सहमति भी शामिल है. यह साझेदारी भारत में निर्यात करने वाले ब्रिटिश व्यवसायों और ब्रिटेन में निवेश करने वाले भारतीय व्यवसायों के लिए नए अवसरों को शुरू करेगी.

ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार इसमें यूके में नए भारतीय निवेश के 533 मिलियन पाउंड शामिल हैं, जिससे स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण और बढ़ते क्षेत्रों में 6,000 से अधिक नौकरियों के सृजन की उम्मीद है.

इस सौदों के 200 मिलियन पाउंड कम कार्बन विकास का समर्थन करेंगे. इसमें यूके में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा अपने वैक्सीन व्यवसाय में 240 मिलियन पाउंड का निवेश और एक नया सेल्स कार्यालय शामिल है जो बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करेगा.

बयान में कहा गया है कि सेल्स कार्यालय से एक बिलियन डॉलर से अधिक का नया व्यापार उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिसका 200 मिलियन पाउंड ब्रिटेन में निवेश किया जाएगा.

सीरम निवेश नैदानिक परीक्षणों, अनुसंधान और विकास और संभवतः टीकों के निर्माण का समर्थन करेगा. इससे यूके और दुनिया को कोरोना वायरस महामारी और अन्य घातक बीमारियों को हराने में मदद मिलेगी.

सीरम ने कोडनजिक्स इंक के साथ पहले ही कोरोना वायरस के लिए यूके में पहले ही टीकाकरण पहले चरण का परीक्षण शुरू कर दिया है.

विशेष रूप से, यूके से खेप का पहला दौर 29 अप्रैल के शुरुआती घंटों के दौरान दिल्ली में आया था, जिसमें 95 ऑक्सीजन कांसेट्रेटर और 100 वेंटिलेटर शामिल थे.

खेप के दूसरे दौर में 120 ऑक्सीजन कांसेट्रेटर थे, जबकि तीसरी श्रृंखला में 280 ऑक्सीजन कांसेट्रेटर , 40 वेंटिलेटर शामिल थे. अभी और अधिक आपूर्ति लंदन से आने वाली है.

ब्रिटिश व्यवसायों ने भी भारत के साथ 446 मिलियन पाउंड से अधिक के नए निर्यात सौदे किए हैं, जो यूके के विकास को संचालित करेंगे, जिससे बड़े पैमाने पर नौकरियां मिलेंगी.

इसमें सीएमआर सर्जिकल अपने अगली पीढ़ी के वर्सियस सर्जिकल रोबोटिक प्रणाली का निर्यात करना शामिल है, जो न्यूनतम एक्सेस सर्जरी करने में भारत के सर्जनों की मदद करेगा.

यह निर्यात सौदा 200 मिलियन पाउंड का है और इससे 100 मिलियन नौकरियां पैदा होंगी. यूके और भारत के बीच पहले से ही लगभग 23 मिलियन पाउंड का मूल्य व्यापार है, जो आधा मिलियन से अधिक नौकरियों का समर्थन करता है.

पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री ने यूके और भारत के बीच आर्थिक संबंधों के बढ़ते महत्व पर चर्चा करने के लिए इन्फोसिस और एचसीएल कंपनियों के भारतीय व्यापार जगत के नेताओं से बात की.

यूके-इंडिया बिजनेस कम्युनिटी ने पिछले हफ्ते इंडिअस कोरोना वायरस को बढ़ते मामलों के जवाब में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया.

ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट ने अपने आपातकालीन अपील के माध्यम से पिछले सप्ताह में 1.6 मिलियन पाउंड से अधिक जुटाए हैं.

आज साझेदारी पर सहमति बनी, तो 2030 तक ब्रिटेन-भारत व्यापार के वेल्यू को फिर से दोगुना करने की महत्वाकांक्षा को स्थापित करेगी और यह साझेदारी व्यापक मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में काम शुरू करने के हमारे साझा इरादे की घोषणा कर रही है.

लगभग 1.4 बिलियन लोगों के साथ, भारतीय आबादी यूरोपीय संघ और अमेरिका की तुलना में काफी अधिक और अब सबसे बड़े बाजार के साथ ब्रिटेन ने एक व्यापार सौदे पर बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है.

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यूके-भारत संबंध के हर पहलू की तरह, हमारे देशों के बीच आर्थिक संबंध हमारे लोगों को मजबूत और सुरक्षित बनाते हैं. आज हमने जो 6,500 से अधिक नौकरियों की घोषणा की है, उनमें से प्रत्येक परिवार और समुदायों को कोरोना वायरस से उबरने और ब्रिटिश और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि दशक में आज की नई साझेदारी और एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते की मदद से, हम भारत के साथ अपनी व्यापारिक साझेदारी की वेल्यू को दोगुना करेंगे और दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे.

पढ़ें - मोदी-बोरिस आभासी शिखर सम्मेलन से पहले एक अरब पाउंड के निवेश की घोषणा

उन्नत व्यापार साझेदारी ने आज सहमति जताई कि खाद्य और पेय, जीवन विज्ञान और सेवा क्षेत्र सहित पूरे भारत में ब्रिटिश व्यवसायों के लिए तत्काल अवसर पैदा हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि फल और चिकित्सा उपकरणों पर गैर-टैरिफ बैरियर्स को कम करके ब्रिटिश व्यवसायों को अपने उत्पादों को भारत में निर्यात करने और यूके के विकास और नौकरियों को बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी.

यह दोनों पक्षों को तत्काल बाजार तक पहुंच देकर बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ आगे के अवसरों की तलाश भी जारी रखने की इजाजत देगा, क्योंकि हम दोनों देशों में व्यवसायों और उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने के लिए एफटीए पर बातचीत करत रहे हैं.

भविष्य में यूके-भारत व्यापार सौदा सैकड़ों हजार नौकरियों का समर्थन करेगा और यूके और भारत दोनों की अर्थव्यवस्थाओं को संभावित रूप से कम या चालू टैरिफ को हटा देगा, जैसे कि व्हिस्की पर 150% तक और ऑटोमोटिव पर 125% तक. इसके अलावा अन्य ब्रिटिश उत्पादों पर भी टैरिफ हटा दिया जाएगा.

ब्रिटेन की सरकार ने एक बयान में कहा कि यह ब्रिटिश सेवाओं को बहुत बड़ा लाभ देगा.

नई दिल्ली : ब्रिटेन के प्रधान मंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित किए गए नए यूके-भारत व्यापार और निवेश के लिए एक बिलियन पाउंड के कारण यूके में 6,500 से अधिक नए रोजगार सृजित होंगे. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम बोरिस जॉनसन के गुप्त वर्चुअल बैठक की.

विदेश मंत्रालय के अनुसार शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं द्वारा एक व्यापक रोडमैप 2030 लॉन्च किया जाएगा, जो अगले कई दशकों तक भारत-ब्रिटेन सहयोग को और अधिक विस्तारित और गहरा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. विशेष रूप से पांच क्षेत्रों में, इनमें लोगों से लोगों के बीच संबंध, व्यापार और समृद्धि, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं.

इसमें ट्रेड पार्टनरशिप पर सहमति भी शामिल है. यह साझेदारी भारत में निर्यात करने वाले ब्रिटिश व्यवसायों और ब्रिटेन में निवेश करने वाले भारतीय व्यवसायों के लिए नए अवसरों को शुरू करेगी.

ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार इसमें यूके में नए भारतीय निवेश के 533 मिलियन पाउंड शामिल हैं, जिससे स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण और बढ़ते क्षेत्रों में 6,000 से अधिक नौकरियों के सृजन की उम्मीद है.

इस सौदों के 200 मिलियन पाउंड कम कार्बन विकास का समर्थन करेंगे. इसमें यूके में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा अपने वैक्सीन व्यवसाय में 240 मिलियन पाउंड का निवेश और एक नया सेल्स कार्यालय शामिल है जो बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करेगा.

बयान में कहा गया है कि सेल्स कार्यालय से एक बिलियन डॉलर से अधिक का नया व्यापार उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिसका 200 मिलियन पाउंड ब्रिटेन में निवेश किया जाएगा.

सीरम निवेश नैदानिक परीक्षणों, अनुसंधान और विकास और संभवतः टीकों के निर्माण का समर्थन करेगा. इससे यूके और दुनिया को कोरोना वायरस महामारी और अन्य घातक बीमारियों को हराने में मदद मिलेगी.

सीरम ने कोडनजिक्स इंक के साथ पहले ही कोरोना वायरस के लिए यूके में पहले ही टीकाकरण पहले चरण का परीक्षण शुरू कर दिया है.

विशेष रूप से, यूके से खेप का पहला दौर 29 अप्रैल के शुरुआती घंटों के दौरान दिल्ली में आया था, जिसमें 95 ऑक्सीजन कांसेट्रेटर और 100 वेंटिलेटर शामिल थे.

खेप के दूसरे दौर में 120 ऑक्सीजन कांसेट्रेटर थे, जबकि तीसरी श्रृंखला में 280 ऑक्सीजन कांसेट्रेटर , 40 वेंटिलेटर शामिल थे. अभी और अधिक आपूर्ति लंदन से आने वाली है.

ब्रिटिश व्यवसायों ने भी भारत के साथ 446 मिलियन पाउंड से अधिक के नए निर्यात सौदे किए हैं, जो यूके के विकास को संचालित करेंगे, जिससे बड़े पैमाने पर नौकरियां मिलेंगी.

इसमें सीएमआर सर्जिकल अपने अगली पीढ़ी के वर्सियस सर्जिकल रोबोटिक प्रणाली का निर्यात करना शामिल है, जो न्यूनतम एक्सेस सर्जरी करने में भारत के सर्जनों की मदद करेगा.

यह निर्यात सौदा 200 मिलियन पाउंड का है और इससे 100 मिलियन नौकरियां पैदा होंगी. यूके और भारत के बीच पहले से ही लगभग 23 मिलियन पाउंड का मूल्य व्यापार है, जो आधा मिलियन से अधिक नौकरियों का समर्थन करता है.

पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री ने यूके और भारत के बीच आर्थिक संबंधों के बढ़ते महत्व पर चर्चा करने के लिए इन्फोसिस और एचसीएल कंपनियों के भारतीय व्यापार जगत के नेताओं से बात की.

यूके-इंडिया बिजनेस कम्युनिटी ने पिछले हफ्ते इंडिअस कोरोना वायरस को बढ़ते मामलों के जवाब में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया.

ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट ने अपने आपातकालीन अपील के माध्यम से पिछले सप्ताह में 1.6 मिलियन पाउंड से अधिक जुटाए हैं.

आज साझेदारी पर सहमति बनी, तो 2030 तक ब्रिटेन-भारत व्यापार के वेल्यू को फिर से दोगुना करने की महत्वाकांक्षा को स्थापित करेगी और यह साझेदारी व्यापक मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में काम शुरू करने के हमारे साझा इरादे की घोषणा कर रही है.

लगभग 1.4 बिलियन लोगों के साथ, भारतीय आबादी यूरोपीय संघ और अमेरिका की तुलना में काफी अधिक और अब सबसे बड़े बाजार के साथ ब्रिटेन ने एक व्यापार सौदे पर बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है.

प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यूके-भारत संबंध के हर पहलू की तरह, हमारे देशों के बीच आर्थिक संबंध हमारे लोगों को मजबूत और सुरक्षित बनाते हैं. आज हमने जो 6,500 से अधिक नौकरियों की घोषणा की है, उनमें से प्रत्येक परिवार और समुदायों को कोरोना वायरस से उबरने और ब्रिटिश और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि दशक में आज की नई साझेदारी और एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते की मदद से, हम भारत के साथ अपनी व्यापारिक साझेदारी की वेल्यू को दोगुना करेंगे और दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे.

पढ़ें - मोदी-बोरिस आभासी शिखर सम्मेलन से पहले एक अरब पाउंड के निवेश की घोषणा

उन्नत व्यापार साझेदारी ने आज सहमति जताई कि खाद्य और पेय, जीवन विज्ञान और सेवा क्षेत्र सहित पूरे भारत में ब्रिटिश व्यवसायों के लिए तत्काल अवसर पैदा हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि फल और चिकित्सा उपकरणों पर गैर-टैरिफ बैरियर्स को कम करके ब्रिटिश व्यवसायों को अपने उत्पादों को भारत में निर्यात करने और यूके के विकास और नौकरियों को बढ़ाने की अनुमति दी जाएगी.

यह दोनों पक्षों को तत्काल बाजार तक पहुंच देकर बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ आगे के अवसरों की तलाश भी जारी रखने की इजाजत देगा, क्योंकि हम दोनों देशों में व्यवसायों और उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने के लिए एफटीए पर बातचीत करत रहे हैं.

भविष्य में यूके-भारत व्यापार सौदा सैकड़ों हजार नौकरियों का समर्थन करेगा और यूके और भारत दोनों की अर्थव्यवस्थाओं को संभावित रूप से कम या चालू टैरिफ को हटा देगा, जैसे कि व्हिस्की पर 150% तक और ऑटोमोटिव पर 125% तक. इसके अलावा अन्य ब्रिटिश उत्पादों पर भी टैरिफ हटा दिया जाएगा.

ब्रिटेन की सरकार ने एक बयान में कहा कि यह ब्रिटिश सेवाओं को बहुत बड़ा लाभ देगा.

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