नई दिल्ली: 16 फरवरी को केजरीवाल सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा हो रहा है और इसके साथ ही दिल्ली को सत्ता में आम आदमी पार्टी के छह साल पूरे हो जाएंगे. हालांकि इसके अलावा 2013 में कांग्रेस के समर्थन से भी आम आदमी पार्टी ने 49 दिन की सरकार चलाई थी, लेकिन पार्टी उसे अनुभव के 49 दिन का नाम देती है.
'सत्ता में वापसी के एक साल'
कार्यों के आधार पर 2015 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी को आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपनी सरकार की शुरुआत के तौर पर देखती है. इस आधार पर पांच साल की पिछली सरकार के बाद 2020 में सत्ता में वापसी के भी एक साल पूरे हो चुके हैं और इन छह सालों के अपने कार्यकाल को आम आदमी पार्टी ने 'तरक्की के 6 साल' का नाम दिया है.
'कोरोना काल की उपलब्धियां भी शामिल'
यूं तो बिता पूरा साल कोरोना से बचाव की तैयारियों के हवाले रहा, लेकिन बीते छह साल की आम आदमी पार्टी की उपलब्धियों में एक बड़ी फेहरिस्त कोरोना काल में किए गए कार्यों की भी है. 16 फरवरी से आम आदमी पार्टी 'तरक्की के 6 साल' के नारे के साथ एक कैम्पेन शुरू करने जा रही है. इसके तहत, टीवी और अखबारों में विज्ञापन से लेकर सड़कों पर होर्डिंग भी लगाए जाएंगे.
'दिल्ली में लगाए गए होर्डिंग बैनर'
इनके जरिए बीते छह साल में केजरीवाल सरकार द्वारा किए गए कार्यों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा. ऐसे होर्डिंग बैनर दिल्ली की सड़कों पर अभी से दिखने लगे हैं. इनमें स्कूलों से लेकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को प्रदर्शित किया गया है. इन होर्डिंग्स में मोहल्ला क्लिनिक को भी जगह दी गई है. वहीं, कोरोना काल में दिल्ली में खुले पहले प्लाज्मा बैंक को लेकर भी केजरीवाल सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई है.
'हर साल की उपलब्धियों का जश्न'
इससे पहले के कार्यकाल में हर एक साल पूरा होने पर केजरीवाल सरकार अपनी पूरे साल की उपलब्धियों को बड़े स्तर पर प्रचारित करती रही है. जब दिल्ली में केजरीवाल सरकार के तीन साल पूरे हुए थे, तब इसका वृहद जश्न मनाया गया था और उस समय अरविंद केजरीवाल ने एक गीत भी लॉन्च किया था. वहीं चार साल पूरे होने पर भी कई कार्यक्रम हुए थे.
'AAP की चुनावी राज्यों पर नजर'
पिछले साल, जो चुनावी वर्ष था और अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने 5 साल पूरे किए थे. तब पूरे पांच साल का रिपोर्ट कार्ड अरविंद केजरीवाल ने खुद जारी किया था. लेकिन इस बार कोरोना को देखते हुए इसे होर्डिंग और विज्ञापन अभियान तक सीमित किया जा रहा है. हालांकि यह अभियान भी देशव्यापी होगा और ये उपलब्धियां उन राज्यों तक भी पहुंचाई जाएंगीं, जहां आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने जा रही है.