मुंबई : महामारी से प्रभावित क्षेत्रों को ऋण प्रदान (Providing loans to the affected areas) करने की ताजा पहल तथा अन्य राहत उपायों से राजकोषीय घाटे पर 0.60 प्रतिशत का अतिरिक्त प्रभाव पड़ेगा. इससे बैंकों के लिए 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता सुविधा उपलब्ध होगी. एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को छोटे कारोबार क्षेत्रों को 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा (Announcement of providing additional credit) की. साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र को अतिरिक्त कोष, पर्यटन एजेंसियों और गाइड को ऋण तथा वीजा शुल्क माफी जैसी घोषणाएं कीं.
ये पैकेज मुख्य रूप से बैंकों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों को सरकारी गारंटी के रूप में दिया गया है. पूर्व के इस तरह के पैकेजों को जोड़कर यह राशि 6.29 लाख करोड़ रुपये बनती है.
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एसबीआई रिसर्च के विश्लेषण के अनुसार, 1.10 लाख करोड़ रुपये की नई घोषणाओं के समान वितरण के अनुमान, साथ में 50 प्रतिशत और 75 प्रतिशत गारंटी कवर और 100 प्रतिशत के जोखिम भारांश के साथ बैंकों के पास करीब 7,500 करोड़ रुपये की पूंजी राहत होगी, जिससे 70,000 करोड़ रुपये के ऋण का सृजन हो सकेगा.
एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने रिपोर्ट में कहा, सोमवार की घोषणाओं में व्यापक रूप से चार क्षेत्रों...स्वास्थ्य, पर्यटन, एमएफआई तथा कृषि पर जोर दिया गया है. जिन अन्य उपायों की घोषणा की गई है, उनसे पहले से मौजूद व्यवस्था को बेहतर किया जा सकेगा.
(भाषा)