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भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोना में बदलाव, प्रोटीन का पता लगाया

भारतीय विज्ञान संस्था (आईआईएससी) के एक अध्ययन में कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स कोव-2 वायरस में आए कई बदलाव और विशिष्ट प्रोटीन की पहचान की गई.

कोरोना में बदलाव
कोरोना में बदलाव
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Published : Mar 5, 2021, 10:04 AM IST

बेंगलुरु : भारतीय विज्ञान संस्था (आईआईएससी) के एक अध्ययन में कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स कोव-2 वायरस में आए कई बदलाव और विशिष्ट प्रोटीन की पहचान की गई.

बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान ने एक बयान में कहा कि जर्नल ऑफ प्रोटिओम रिसर्च में प्रकाशित हालिया अध्ययन में बताया गया कि प्रतिरक्षा के तौर पर वायरस का वाहक कई प्रोटीन का उत्पादन करता है.

वायरस में किस तरह बदलाव आता है और इसके प्रोटीन पर अध्ययन के लिए जैव रसायन विभाग में प्रोफेसर उत्पल टाटू के नेतृत्व में एक टीम ने सार्स कोव-2 वायरस के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण किया.

उत्पल टाटू ने कहा कि वायरस के स्वरूप का अनुक्रमण करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे इसमें आ रहे बदलाव को जानने में मदद मिलती है.

उनकी टीम के अध्ययन से पता चला कि वायरस पहले की तुलना में तेजी से अपना स्वरूप बदल रहा है. टीम ने कहा कि सार्स कोव-2 वायरस जीनोम कोड में 25 से ज्यादा प्रोटीन होते हें लेकिन इनमें से कुछ ही प्रोटीन की अब तक पहचान हो पायी है.

विश्लेषण के लिए टीम ने 13 अलग प्रोटीन का पता लगाया जिसके बारे में पहले से पता नहीं था. टाटू ने कहा कि ऐसे ही एक प्रोटीन ओआरएफ9बी की पहचान की गयी, जो कि वायरस के वाहक के प्रतिरक्षा तंत्र को भेद देता है.

टीम ने कोविड-19 संक्रमण के संबंध में 441 प्रोटीन का पता लगाया जिसके बारे में माना जाता है कि प्रतिरक्षा तंत्र में ये बड़ी भूमिका निभाते हैं.

बेंगलुरु : भारतीय विज्ञान संस्था (आईआईएससी) के एक अध्ययन में कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स कोव-2 वायरस में आए कई बदलाव और विशिष्ट प्रोटीन की पहचान की गई.

बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान ने एक बयान में कहा कि जर्नल ऑफ प्रोटिओम रिसर्च में प्रकाशित हालिया अध्ययन में बताया गया कि प्रतिरक्षा के तौर पर वायरस का वाहक कई प्रोटीन का उत्पादन करता है.

वायरस में किस तरह बदलाव आता है और इसके प्रोटीन पर अध्ययन के लिए जैव रसायन विभाग में प्रोफेसर उत्पल टाटू के नेतृत्व में एक टीम ने सार्स कोव-2 वायरस के जीनोम अनुक्रमण का विश्लेषण किया.

उत्पल टाटू ने कहा कि वायरस के स्वरूप का अनुक्रमण करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे इसमें आ रहे बदलाव को जानने में मदद मिलती है.

उनकी टीम के अध्ययन से पता चला कि वायरस पहले की तुलना में तेजी से अपना स्वरूप बदल रहा है. टीम ने कहा कि सार्स कोव-2 वायरस जीनोम कोड में 25 से ज्यादा प्रोटीन होते हें लेकिन इनमें से कुछ ही प्रोटीन की अब तक पहचान हो पायी है.

विश्लेषण के लिए टीम ने 13 अलग प्रोटीन का पता लगाया जिसके बारे में पहले से पता नहीं था. टाटू ने कहा कि ऐसे ही एक प्रोटीन ओआरएफ9बी की पहचान की गयी, जो कि वायरस के वाहक के प्रतिरक्षा तंत्र को भेद देता है.

टीम ने कोविड-19 संक्रमण के संबंध में 441 प्रोटीन का पता लगाया जिसके बारे में माना जाता है कि प्रतिरक्षा तंत्र में ये बड़ी भूमिका निभाते हैं.

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