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कांग्रेस के नए प्रभारी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे, महाराष्ट्र- छत्तीसगढ़ में बैठकों का दौर जारी

Loksabha Election 2024 : विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ने अपनी राज्यों के संगठन में कई पदाधिकारी बदले. अब ये पदाधिकारी अपने-अपने राज्यों में जा कर लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गये हैं. पढ़ें अमित अग्निहोत्री

Loksabha Election 2024
प्रतिकात्मक तस्वीर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 11, 2024, 5:17 PM IST

नई दिल्ली: राज्यों के नए एआईसीसी प्रभारी आगामी लोकसभा की तैयारी के लिए मैदान में उतर गए हैं. 23 दिसंबर, 2023 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से अपनी टीम में फेरबदल करने के बाद, पार्टी के भीतर यह चर्चा चल रही थी कि मार्च में संभावित लोकसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग की अधिसूचना के साथ नए प्रभारी को परिणाम दिखाने के लिए सिर्फ दो महीने का समय मिला था.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने स्वीकार किया कि नए महासचिवों को समय की कमी की चुनौती का सामना करना पड़ा रहा है. हालांकि, वे अपने संगठनात्मक अनुभव और कड़ी मेहनत के सा थ अपनी नई भूमिकाओं में जल्दी से जल्दी खुद को ढाल लेंगे.

एआईसीसी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि हां, संसदीय चुनाव में बहुत कम समय बचा है लेकिन हमें अपना काम करना है. एआईसीसी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने इस चैनल को बताया कि मैं पहले ही राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई दौर की मंत्रणा कर चुका हूं. आने वाले दिनों में और भी विचार-विमर्श होंगे.

उन्होंने कहा कि हम दशकों से संगठन में हैं और राज्यों के बारे में जानते हैं. आलाकमान यूपी पर बड़ा ध्यान केंद्रित कर रहा है. पांडे को विशेष रूप से राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. जो अगले महीने उत्तर प्रदेश से गुजरेगी. पांडे ने कहा कि 11 से 18 जनवरी तक मैंने राज्य भर के स्थानीय नेताओं को यात्रा के लिए तैयार करने के लिए जोन-वार कार्यशाला सह प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं, जो यूपी में हमारा प्रमुख कार्यक्रम होने जा रहा है.

इसी तरह, पंजाब के नए एआईसीसी प्रभारी देवेंद्र यादव पार्टी को पुनर्जीवित करने के बारे में कार्यकर्ताओं और नेताओं से प्रत्यक्ष रिपोर्ट लेने के लिए 9 जनवरी से राज्य में हैं. यादव को राज्य के नेताओं से यह फीडबैक लेने का भी काम सौंपा गया है कि सत्तारूढ़ आप के साथ सीट-बंटवारे समझौते पर काम करने के प्रयासों के तहत कांग्रेस को 13 लोकसभा सीटों में से कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.

यादव को राज्य इकाई के प्रमुख अमरिन्दर सिंह राजा वारिंग और राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सत्ता संघर्ष से भी निपटना होगा, जो आप के साथ किसी भी तरह के रिश्ते के विरोधी हैं. महाराष्ट्र के नए एआईसीसी प्रभारी रमेश चेन्निथला गुरुवार को महाराष्ट्र के नेताओं के साथ एक बैठक की.

जानकारी के मुताबिक इस बैठक में शिवसेना यूबीटी और एनसीपी के साथ सीट बंटवारे में 48 में से 23 सीटों पर पार्टी के दावे का आकलन किया गया. चेन्निथला राज्य में पार्टी संगठन को फिर से संगठित करने और राहुल गांधी की पूर्व-से-पश्चिम यात्रा की परिणति के लिए जमीन तैयार करने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे. जिसका 20 मार्च को मुंबई में समापन होने की उम्मीद है.

छत्तीसगढ़ के नए एआईसीसी प्रभारी सचिन पायलट सत्तारूढ़ भाजपा से मिल रही चुनौती को देखते हुए राज्य के नेताओं के साथ आगामी संसदीय चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को रायपुर में रहे. पार्टी राज्य की 11 लोकसभा सीटों में से केवल 1 ही जीत सकी और उस प्रवृत्ति को उलटना पायलट को सौंपा गया एक बड़ा काम है, जिन्हें खड़गे और राहुल गांधी दोनों द्वारा संगठन के भीतर पदोन्नत किया गया है.

पायलट ने कहा कि हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक चर्चा नौकरियों, मूल्य वृद्धि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे मुद्दों के आसपास हो, न कि धर्म और राजनीति के आसपास, जिसे कभी भी मिश्रित नहीं किया जाना चाहिए.

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नई दिल्ली: राज्यों के नए एआईसीसी प्रभारी आगामी लोकसभा की तैयारी के लिए मैदान में उतर गए हैं. 23 दिसंबर, 2023 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से अपनी टीम में फेरबदल करने के बाद, पार्टी के भीतर यह चर्चा चल रही थी कि मार्च में संभावित लोकसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग की अधिसूचना के साथ नए प्रभारी को परिणाम दिखाने के लिए सिर्फ दो महीने का समय मिला था.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने स्वीकार किया कि नए महासचिवों को समय की कमी की चुनौती का सामना करना पड़ा रहा है. हालांकि, वे अपने संगठनात्मक अनुभव और कड़ी मेहनत के सा थ अपनी नई भूमिकाओं में जल्दी से जल्दी खुद को ढाल लेंगे.

एआईसीसी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि हां, संसदीय चुनाव में बहुत कम समय बचा है लेकिन हमें अपना काम करना है. एआईसीसी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने इस चैनल को बताया कि मैं पहले ही राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई दौर की मंत्रणा कर चुका हूं. आने वाले दिनों में और भी विचार-विमर्श होंगे.

उन्होंने कहा कि हम दशकों से संगठन में हैं और राज्यों के बारे में जानते हैं. आलाकमान यूपी पर बड़ा ध्यान केंद्रित कर रहा है. पांडे को विशेष रूप से राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. जो अगले महीने उत्तर प्रदेश से गुजरेगी. पांडे ने कहा कि 11 से 18 जनवरी तक मैंने राज्य भर के स्थानीय नेताओं को यात्रा के लिए तैयार करने के लिए जोन-वार कार्यशाला सह प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं, जो यूपी में हमारा प्रमुख कार्यक्रम होने जा रहा है.

इसी तरह, पंजाब के नए एआईसीसी प्रभारी देवेंद्र यादव पार्टी को पुनर्जीवित करने के बारे में कार्यकर्ताओं और नेताओं से प्रत्यक्ष रिपोर्ट लेने के लिए 9 जनवरी से राज्य में हैं. यादव को राज्य के नेताओं से यह फीडबैक लेने का भी काम सौंपा गया है कि सत्तारूढ़ आप के साथ सीट-बंटवारे समझौते पर काम करने के प्रयासों के तहत कांग्रेस को 13 लोकसभा सीटों में से कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.

यादव को राज्य इकाई के प्रमुख अमरिन्दर सिंह राजा वारिंग और राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सत्ता संघर्ष से भी निपटना होगा, जो आप के साथ किसी भी तरह के रिश्ते के विरोधी हैं. महाराष्ट्र के नए एआईसीसी प्रभारी रमेश चेन्निथला गुरुवार को महाराष्ट्र के नेताओं के साथ एक बैठक की.

जानकारी के मुताबिक इस बैठक में शिवसेना यूबीटी और एनसीपी के साथ सीट बंटवारे में 48 में से 23 सीटों पर पार्टी के दावे का आकलन किया गया. चेन्निथला राज्य में पार्टी संगठन को फिर से संगठित करने और राहुल गांधी की पूर्व-से-पश्चिम यात्रा की परिणति के लिए जमीन तैयार करने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे. जिसका 20 मार्च को मुंबई में समापन होने की उम्मीद है.

छत्तीसगढ़ के नए एआईसीसी प्रभारी सचिन पायलट सत्तारूढ़ भाजपा से मिल रही चुनौती को देखते हुए राज्य के नेताओं के साथ आगामी संसदीय चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को रायपुर में रहे. पार्टी राज्य की 11 लोकसभा सीटों में से केवल 1 ही जीत सकी और उस प्रवृत्ति को उलटना पायलट को सौंपा गया एक बड़ा काम है, जिन्हें खड़गे और राहुल गांधी दोनों द्वारा संगठन के भीतर पदोन्नत किया गया है.

पायलट ने कहा कि हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक चर्चा नौकरियों, मूल्य वृद्धि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे मुद्दों के आसपास हो, न कि धर्म और राजनीति के आसपास, जिसे कभी भी मिश्रित नहीं किया जाना चाहिए.

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