चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में एक नया आयोग गठित किया जाएगा, जो जाति-वार सर्वेक्षण करेगा और उसके लिए आंकड़े एकत्र करेगा. तमिलनाडु के विभिन्न राजनीतिक दल और सामुदायिक संगठन जाति-वार सर्वेक्षण अलग-अलग समय करने की मांग कर रहे हैं. सरकार यह सर्वेक्षण विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए कर रही है.
पीएमके लंबे समय से करती रही है मांग
मुख्यमंत्री ए पलानीसामी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय में 69 प्रतिशत आरक्षण के मामले लंबित हैं. इनसे निपटने के लिए सर्वेक्षण की आवश्यकता है. उल्लेखनीय है कि पीएमके लंबे समय से इस बात पर जोर देता रही है कि जनगणना जातिगत आधार पर होनी चाहिए. पार्टी के संस्थापक रामदास ने भी अगली (2021) जनगणना को व्यवस्थित तरीके से करने का आह्वान किया है. 1930 की जनगणना के दौरान जातिगत आंकड़े एकत्र किए गए थे और इस जनगणना के आधार पर वर्तमान में केवल आरक्षण दिया जा रहा है.