नई दिल्ली : चीन में शीर्ष विधायी निकाय- नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (National People's Congress)- ने 13वीं एनपीसी स्थायी समिति की 31वीं बैठक में शनिवार को एक दूरगामी कानून को मंजूरी दी, जिसका 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा (India-China border) पर व्यापक प्रभाव है.
भारतीय संदर्भ में कानून के महत्व को रेखांकित करने वाला तथ्य यह है कि चीन ने भारत और भूटान (India and Bhutan) को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों के साथ अपने भूमि सीमा मुद्दों को सुलझा लिया है.
भारत और चीन (India and China) पहले से ही चल रहे सीमा गतिरोध में लगे हुए हैं, जिसने सीमा पर सैन्य बलों की अब तक की सबसे बड़ी लामबंदी देखी है.
भूमि सीमाओं के लिए एक कानूनी ढांचा तय करते हुए, नए भूमि सीमा कानून में 7 अध्याय और 62 लेख हैं और इसे एक जनवरी, 2022 से प्रभावी होना है.
यह सीमा की निर्ममता को बनाए रखने के लिए सीमावर्ती निवासियों को जिम्मेदार बनाता है, जो इसे तिब्बती मूल के लोगों पर निर्भर करता है जो भारत-चीन सीमा पर निवास करते हैं जो 'सीमा प्रहरी' (border sentinels) के रूप में कार्य करते हैं.
नए कानून के अनुच्छेद 13 में कहा गया है कि नागरिक और संगठन भूमि सीमाओं और सीमाओं की सुरक्षा और स्थिरता (security and stability) बनाए रखेंगे, स्थलों और सीमा रक्षा बुनियादी ढांचे की रक्षा करेंगे, और भूमि सीमाओं से संबंधित कार्यों में सहयोग और सहायता करेंगे.
अनुच्छेद 23 में कहा गया है कि नागरिक और संगठन सीमा रक्षा कर्तव्यों और नियंत्रण गतिविधियों का समर्थन करेंगे, और उन्हें सुविधाजनक स्थिति या अन्य सहायता प्रदान करेंगे.
अनुच्छेद 43 कहता है कि राज्य सीमावर्ती कस्बों के निर्माण का समर्थन करता है, सीमावर्ती कस्बों की व्यवस्था में सुधार करता है, सीमावर्ती कस्बों के कार्यों में सुधार करता है, और सहायक क्षमता के निर्माण को मजबूत (Strengthens the building of supporting capacity) करता है.
चीन ने पहले ही एक 'बॉर्डर विलेज प्लान' (border village plan) शुरू कर दिया है, जिसमें 21 सीमावर्ती काउंटियों में 628 अच्छी तरह से तैयार किए गए आधुनिक गांवों की स्थापना शामिल है. इसमें लगभग 62,160 घर मौजूद हैं, जिसमें तिब्बती सीमा में कुल लगभग 241,835 लोग रहते हैंय यह लद्दाख से लेकर न्यिंगची तक, अरुणाचल प्रदेश के मेचुका से लेकर म्यांमार (Arunachal Pradesh to Myanmar) तक फैला है.
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पिछले साल तक, 30 बिलियन युआन (4.6 बिलियन डॉलर) की लागत से 604 गांवों का निर्माण किया गया था, जिसमें से 24 के 2021 में ही पूरा होने की उम्मीद है. यह पैसा तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (Tibet Autonomous Region) के सीमा रक्षा, सार्वजनिक सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन विभागों से लिया गया है.
वहीं चीनी कानून का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य समानता, आपसी विश्वास और मैत्रीपूर्ण परामर्श (mutual trust and friendly consultation) के सिद्धांतों का पालन करता है, बातचीत के माध्यम से अपने भूमि पड़ोसियों के साथ भूमि सीमाओं और संबंधित मामलों को संभालता है, और विवादों और सीमा मुद्दों को ठीक से हल करता है.
अनुच्छेद 10 सरकार को सीमा रक्षा निर्माण को मजबूत करने, सीमा के आर्थिक और सामाजिक विकास का समर्थन करने और बाहरी दुनिया के लिए खोलने, सीमा को मजबूत करने और लोगों को समृद्ध करने की कार्रवाई को बढ़ावा देने और स्तर को बढ़ाने के लिए प्रभावी उपाय करने का अधिकार देता है.
सीमा पर सार्वजनिक सेवाओं और बुनियादी ढांचे का निर्माण, सीमा उत्पादन और रहने की स्थिति में सुधार, सीमा पर लोगों को उत्पादन और रहने के लिए प्रोत्साहित और समर्थन करना, और सीमा रक्षा निर्माण और सीमा आर्थिक और सामाजिक विकास के समन्वित विकास को बढ़ावा देना है.