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भारतीय सेना के मानद जनरल रैंक से सम्मानित किए गए नेपाल आर्मी चीफ

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Published : Nov 11, 2021, 2:02 AM IST

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में भारतीय थल सेना के जनरल का मानद रैंक नेपाल थल सेना प्रमुख जनरल प्रभु राम शर्मा को प्रदान किया.

नेपाल आर्मी चीफ
नेपाल आर्मी चीफ

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्ष 1950 में शुरू की गई एक परंपरा को जारी रखते हुए 'भारतीय थल सेना के जनरल' का मानद रैंक बुधवार को नेपाल थल सेना प्रमुख जनरल प्रभु राम शर्मा को प्रदान किया.

जनरल शर्मा, द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को विस्तारित करने के तरीके तलाशने के लिए भारत की चार दिनों की यात्रा पर हैं.

राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज (बुधवार को) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में भारतीय थल सेना के जनरल का मानद रैंक नेपाल थल सेना प्रमुख जनरल प्रभु राम शर्मा को प्रदान किया.

प्रशस्ति पत्र में उल्लेख किया गया है कि अपने अनुकरणीय करियर के दौरान जनरल शर्मा ने गतिशील और उत्कृष्ट नेतृत्व का प्रदर्शन किया है. वह नेपाली सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को जारी रखने के भी हिमायती रहे हैं.

प्रशस्ति पत्र में कहा गया है, जनरल शर्मा ने न केवल भारतीय सेना और नेपाली सेना के बीच, बल्कि दुनिया की अन्य सेनाओं के बीच सद्भावना और आपसी समझ के आधार पर दोस्ती के मौजूदा बंधन को बढ़ावा देने में बहुत योगदान दिया है.

इस साल 9 सितंबर को नेपाली सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले शर्मा ने नेपाली सेना के भीतर महत्वपूर्ण पदों और कुछ प्रतिष्ठित विदेशी नियुक्तियों में भी कार्य किया है.

गौरतलब है कि नेपाल ने 'नेपाल थल सेना के जनरल' के मानद रैंक से भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को पिछले साल नवंबर में उनके काठमांडू दौरे के दौरान सम्मानित किया था.

अधिकारियों ने बताया कि जनरल शर्मा ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत से भी बुधवार को मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लासगो में नेपाल के प्रधानमंत्री से मुलाकात की, द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा

नेपाली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि जनरल प्रभु राम शर्मा की भारत यात्रा उसकी सैन्य कूटनीति की आधारशिला है. इस यात्रा को केवल परंपरा के निर्वहन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे सकारात्मक संपर्क के तौर पर देखा जाना ताकि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को सुलझाने के लिए सौहार्द्रपूर्ण माहौल बनाया जा सके.

उन्होंने कहा कि चूंकि दोनों देशों के बीच कई अनसुलझे मामले हैं और चिंता का विषय है. नियमित संवाद और सहयोग तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए और कूटनीतिक कार्य करने के लिए आवश्यक है.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्ष 1950 में शुरू की गई एक परंपरा को जारी रखते हुए 'भारतीय थल सेना के जनरल' का मानद रैंक बुधवार को नेपाल थल सेना प्रमुख जनरल प्रभु राम शर्मा को प्रदान किया.

जनरल शर्मा, द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को विस्तारित करने के तरीके तलाशने के लिए भारत की चार दिनों की यात्रा पर हैं.

राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज (बुधवार को) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में भारतीय थल सेना के जनरल का मानद रैंक नेपाल थल सेना प्रमुख जनरल प्रभु राम शर्मा को प्रदान किया.

प्रशस्ति पत्र में उल्लेख किया गया है कि अपने अनुकरणीय करियर के दौरान जनरल शर्मा ने गतिशील और उत्कृष्ट नेतृत्व का प्रदर्शन किया है. वह नेपाली सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को जारी रखने के भी हिमायती रहे हैं.

प्रशस्ति पत्र में कहा गया है, जनरल शर्मा ने न केवल भारतीय सेना और नेपाली सेना के बीच, बल्कि दुनिया की अन्य सेनाओं के बीच सद्भावना और आपसी समझ के आधार पर दोस्ती के मौजूदा बंधन को बढ़ावा देने में बहुत योगदान दिया है.

इस साल 9 सितंबर को नेपाली सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले शर्मा ने नेपाली सेना के भीतर महत्वपूर्ण पदों और कुछ प्रतिष्ठित विदेशी नियुक्तियों में भी कार्य किया है.

गौरतलब है कि नेपाल ने 'नेपाल थल सेना के जनरल' के मानद रैंक से भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को पिछले साल नवंबर में उनके काठमांडू दौरे के दौरान सम्मानित किया था.

अधिकारियों ने बताया कि जनरल शर्मा ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत से भी बुधवार को मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लासगो में नेपाल के प्रधानमंत्री से मुलाकात की, द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा

नेपाली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि जनरल प्रभु राम शर्मा की भारत यात्रा उसकी सैन्य कूटनीति की आधारशिला है. इस यात्रा को केवल परंपरा के निर्वहन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे सकारात्मक संपर्क के तौर पर देखा जाना ताकि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को सुलझाने के लिए सौहार्द्रपूर्ण माहौल बनाया जा सके.

उन्होंने कहा कि चूंकि दोनों देशों के बीच कई अनसुलझे मामले हैं और चिंता का विषय है. नियमित संवाद और सहयोग तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए और कूटनीतिक कार्य करने के लिए आवश्यक है.

(एजेंसी इनपुट)

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