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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का गुस्सा, करीब 8 लाख ने दबाया नोटा - नोटा विकल्प का इस्तेमाल

पांच राज्यों में करीब आठ लाख मतदाताओं ने नोटा यानी 'None of Above' का बटन दबाकर अपना गुस्सा भी जाहिर किया है. यूपी में सबसे ज्यादा नोटा का बटन दबाया गया है. यहां 6,21,186 मतदाताओं (0.7 प्रतिशत) ने ईवीएम में नोटा विकल्प का बटन दबाया. जानिए बाकी राज्यों में क्या रही स्थिति.

Uttarakhand Election 2022
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
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Published : Mar 12, 2022, 5:20 PM IST

हैदराबाद/पौड़ी : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले करीब आठ लाख मतदाताओं ने 'उपरोक्त में से कोई नहीं' अथवा नोटा का विकल्प चुना. चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है. सबसे ज्यादा यूपी में और सबसे कम नोटा मणिपुर में दबाया गया.

राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले उत्तर प्रदेश, जिसमें सबसे अधिक 403 विधानसभा सीटें हैं, वहां 6,21,186 मतदाताओं (0.7 प्रतिशत) ने ईवीएम में नोटा विकल्प का बटन दबाया. वहीं, पंजाब में 1,10,308 मतदाता (0.9 प्रतिशत) ने नोटा का विकल्प चुना.

मणिपुर में कुल मतदाताओं में से 10,349 (0.6 प्रतिशत) ने नोटा विकल्प का इस्तेमाल किया. इसी तरह गोवा में 10,629 मतदाताओं (1.1 फीसदी) ने इस विकल्प का इस्तेमाल किया. उत्तराखंड में करीब 45 हजार से ज्यादा ने नोटा दबाया. कुल मिलाकर पांच राज्यों में 7,99,302 मतदाताओं ने इस विकल्प को चुना.

उत्तराखंड में वोटरों का गुस्सा, NOTA ने पार किया 45 हजार का आंकड़ा
उत्तराखंड में 2017 के मुकाबले वोटरों को गुस्सा थोड़ा कम ही दिखा है. उत्तराखंड में इस बार 45 हजार से अधिक मतदाताओं ने नोटा यानी 'None of Above' का विकल्प इस्तेमाल कर अपना आक्रोश जताया है. 14 फरवरी के हुए मतदान में 45,681 लोगों ने नोटा दबाया, जबकि 2017 में पूरे प्रदेश में नोटा 50,408 पड़ा था. उत्तराखंड चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार के विधानसभा चुनाव में 70 सीटों के सापेक्ष छह सीटों पर एक हजार से अधिक नोटा का बटन दबा. प्रदेश की कालाढ़ूंगी सीट पर सबसे अधिक बार नोटा दबा. कालाढ़ूंगी में नोटा का बटन 1418 बार दबा.
देहरादून जिले की चकराता विधानसभा सीट पर 1367, चंपावत की लोहाघाट सीट पर 1096, पिथौरागढ़ की गंगोलीहाट सीट पर 1094, देहरादून सहसपुर सीट पर 1091 व सोमेश्वर सीट पर 1003 बार नोटा का बटन दबा. वहीं, प्रदेश की गंगोत्री विधानसभा सीट पर सबसे कम 238 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया.

सबसे अधिक देहरादून जिले में सीट पर दबाया नोटा
देहरादून जिले की 10 सीटों पर इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नोटा का बटन दबाया. यहां 7965 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया. इस जिले की चकराता सीट पर प्रदेश में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक 1367 वोटरों ने नोटा दबाया.
वहीं, हरिद्वार की सभी 11 सीटों पर 5029 नोटा का प्रयोग मतदाताओं ने किया. टिहरीमें 6 सीटों पर 3528 नोट वोट पड़े. पौड़ी की 6 सीटों पर 3387, चमोली की तीन सीटों पर 2399, उत्तरकाशी की 3 सीटों पर 1117, रुद्रप्रयाग की दो सीटों पर 1596, पिथौरागढ़ की 4 सीटों में 2859, बागेश्वर की दो सीटों पर 1601, अल्मोड़ा की 6 सीटों पर 3880, चंपावत की 2 सीटों पर 2029, नैनीताल की 6 सीटों पर 5054 और उधमसिंह नगर की 9 सीटों पर कुल 5820 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया.

पढ़ें- यूपी विधानसभा चुनाव, वोट शेयर में सपा ने लगाई छलांग, बीएसपी के वोटर खिसके

हैदराबाद/पौड़ी : पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले करीब आठ लाख मतदाताओं ने 'उपरोक्त में से कोई नहीं' अथवा नोटा का विकल्प चुना. चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है. सबसे ज्यादा यूपी में और सबसे कम नोटा मणिपुर में दबाया गया.

राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले उत्तर प्रदेश, जिसमें सबसे अधिक 403 विधानसभा सीटें हैं, वहां 6,21,186 मतदाताओं (0.7 प्रतिशत) ने ईवीएम में नोटा विकल्प का बटन दबाया. वहीं, पंजाब में 1,10,308 मतदाता (0.9 प्रतिशत) ने नोटा का विकल्प चुना.

मणिपुर में कुल मतदाताओं में से 10,349 (0.6 प्रतिशत) ने नोटा विकल्प का इस्तेमाल किया. इसी तरह गोवा में 10,629 मतदाताओं (1.1 फीसदी) ने इस विकल्प का इस्तेमाल किया. उत्तराखंड में करीब 45 हजार से ज्यादा ने नोटा दबाया. कुल मिलाकर पांच राज्यों में 7,99,302 मतदाताओं ने इस विकल्प को चुना.

उत्तराखंड में वोटरों का गुस्सा, NOTA ने पार किया 45 हजार का आंकड़ा
उत्तराखंड में 2017 के मुकाबले वोटरों को गुस्सा थोड़ा कम ही दिखा है. उत्तराखंड में इस बार 45 हजार से अधिक मतदाताओं ने नोटा यानी 'None of Above' का विकल्प इस्तेमाल कर अपना आक्रोश जताया है. 14 फरवरी के हुए मतदान में 45,681 लोगों ने नोटा दबाया, जबकि 2017 में पूरे प्रदेश में नोटा 50,408 पड़ा था. उत्तराखंड चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार के विधानसभा चुनाव में 70 सीटों के सापेक्ष छह सीटों पर एक हजार से अधिक नोटा का बटन दबा. प्रदेश की कालाढ़ूंगी सीट पर सबसे अधिक बार नोटा दबा. कालाढ़ूंगी में नोटा का बटन 1418 बार दबा.
देहरादून जिले की चकराता विधानसभा सीट पर 1367, चंपावत की लोहाघाट सीट पर 1096, पिथौरागढ़ की गंगोलीहाट सीट पर 1094, देहरादून सहसपुर सीट पर 1091 व सोमेश्वर सीट पर 1003 बार नोटा का बटन दबा. वहीं, प्रदेश की गंगोत्री विधानसभा सीट पर सबसे कम 238 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया.

सबसे अधिक देहरादून जिले में सीट पर दबाया नोटा
देहरादून जिले की 10 सीटों पर इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा नोटा का बटन दबाया. यहां 7965 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया. इस जिले की चकराता सीट पर प्रदेश में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक 1367 वोटरों ने नोटा दबाया.
वहीं, हरिद्वार की सभी 11 सीटों पर 5029 नोटा का प्रयोग मतदाताओं ने किया. टिहरीमें 6 सीटों पर 3528 नोट वोट पड़े. पौड़ी की 6 सीटों पर 3387, चमोली की तीन सीटों पर 2399, उत्तरकाशी की 3 सीटों पर 1117, रुद्रप्रयाग की दो सीटों पर 1596, पिथौरागढ़ की 4 सीटों में 2859, बागेश्वर की दो सीटों पर 1601, अल्मोड़ा की 6 सीटों पर 3880, चंपावत की 2 सीटों पर 2029, नैनीताल की 6 सीटों पर 5054 और उधमसिंह नगर की 9 सीटों पर कुल 5820 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया.

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