नई दिल्ली: बचाव अभियान में नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने के अलावा एनडीआरएफ कल शाम शुरू हुए अभियान में अपनी के9 सेवा का भी इस्तेमाल कर रहा है. एनडीआरएफ के डीआईजी (ऑप्स) मोहसिन शहीदी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि दुर्घटना की खबर मिलते ही बालासोर के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र की एक टीम वहां पहुंच गई, जो दुर्घटनास्थल से लगभग 35 किलोमीटर दूर है.
शहीदी ने कहा कि घटना कल शाम करीब सात बजे की है। तीन ट्रेनों की आपस में टक्कर एक बड़ा हादसा था. साथ ही, हमने कमांडेंट के साथ मुंडली स्थित यूनिट मुख्यालय से 6 टीमें भी भेजीं. अब, जैसे ही स्थिति सामने आई, हमने कलकत्ता से भी दो टीमों को इस अनुमान के साथ भेजा कि अधिक मौतें और हताहत हो सकती हैं. एनडीआरएफ फिलहाल नौ टीमों के साथ पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है.
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 900 से अधिक लोग घायल हो गए. दुर्घटना में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी.
शहीदी ने बताया कि रात करीब साढ़े आठ बजे पहली टीम मौके पर पहुंची. पूरी तरह से प्रशिक्षित कर्मियों के बिना तुरंत ही हमने ऑपरेशन शुरू कर दिया. हमारे पास पूरे ऑपरेशन के लिए विशेष उपकरण हैं, जिनमें एक्सेस टूल्स, प्लाज्मा कटर, ऑक्सी कटर, बोल्ड कटर जैसी कई अन्य नई तकनीक शामिल हैं.
उन्होंने आगे बताया कि इस तथ्य के मद्देनजर कि मलबे में और भी यात्री फंसे हो सकते हैं, एनडीआरएफ भी के9 सेवा का उपयोग कर रहा है. हम जीवित पीड़ितों का पता लगाने के लिए K9 का भी उपयोग कर रहे हैं. बचाव अभियान अंतिम चरण में है और आशा है कि अभियान समाप्त हो जाएगा और यह सुनिश्चित होगा कि कोई जीवित पीड़ित पीछे न छूटे.
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