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NDA शासित प्रदेशों में पेट्रो उत्पादों पर कर कटौती, कांग्रेस शासित राज्यों में अभी भी इंतजार

केंद्र और राज्य स्तर पर कर और शुल्क में कटौती के बाद डीजल की कीमतों में लद्दाख में 19.61 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है, इसके बाद कर्नाटक में (19.49 रुपये प्रति लीटर) और पुडुचेरी में 19.08 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है, जिससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है.

पेट्रो उत्पादों पर कर कटौती
पेट्रो उत्पादों पर कर कटौती
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Published : Nov 6, 2021, 8:10 AM IST

नई दिल्ली: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा साझा किए गए डेटा के मुताबिक हाल ही में संपन्न उपचुनावों में चुनावी हार के बाद कांग्रेस शासित 12 राज्यों को छोड़कर केंद्र शासित 23 राज्यों ने शुक्रवार शाम तक पेट्रोल और डीजल पर अपने करों और शुल्कों को कम कर दिया है.

जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती नहीं की है उनमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, मेघालय और अंडमान और निकोबार शामिल हैं.

उत्पाद शुल्क में कटौती के केंद्र के फैसले के बाद पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने वाले 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में, पेट्रोल की कीमतों में लद्दाख (13.43 रुपये प्रति लीटर), कर्नाटक (13.35 रुपये प्रति लीटर) और पुडुचेरी (12.85 प्रति लीटर) की कमी देखने को मिली. वहीं, डीजल की कीमतों के मामले में इन 3 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने कीमतों में अधिकतम कमी की है.

केंद्र और राज्य स्तर पर कर और शुल्क में कटौती के बाद डीजल की कीमतों में लद्दाख में 19.61 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है, इसके बाद कर्नाटक में (19.49 रुपये प्रति लीटर) और पुडुचेरी में 19.08 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है, जिससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है.

बता दें, 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हाल ही में संपन्न विधानसभा और लोकसभा उपचुनावों में चुनावी हार के बाद केंद्र ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये की कटौती करने का फैसला किया था. हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार सभी 3 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर चुनाव हार गई. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हार के लिए महंगाई को जिम्मेदार ठहराया.

अर्थशास्त्रियों और रिजर्व बैंक ने भी चिंता व्यक्त की है कि पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतें सामान्य मुद्रास्फीति को बढ़ा रही हैं. वहीं, विपक्ष ने पेट्रोल और डीजल की रिकॉर्ड उच्च कीमतों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर लगातार निशाना साधा है. दरअसल, केंद्र ने उपचुनाव परिणामों से पहले पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने से इनकार कर दिया था.

पढ़ें: पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की लड़ाई में महंगी रसोई गैस को भूल गया विपक्ष!

पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती करने वाले 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा, ओडिशा और मेघालय ने भी शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल पर वैट घटा दिया. मेघालय सरकार ने जहां पेट्रोल पर वैट 20% से घटाकर 13.5% और डीजल पर 12% से 5% प्रति लीटर कर दिया, वहीं ओडिशा ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में 4% की कमी की घोषणा की.

नई दिल्ली: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा साझा किए गए डेटा के मुताबिक हाल ही में संपन्न उपचुनावों में चुनावी हार के बाद कांग्रेस शासित 12 राज्यों को छोड़कर केंद्र शासित 23 राज्यों ने शुक्रवार शाम तक पेट्रोल और डीजल पर अपने करों और शुल्कों को कम कर दिया है.

जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती नहीं की है उनमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, मेघालय और अंडमान और निकोबार शामिल हैं.

उत्पाद शुल्क में कटौती के केंद्र के फैसले के बाद पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने वाले 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में, पेट्रोल की कीमतों में लद्दाख (13.43 रुपये प्रति लीटर), कर्नाटक (13.35 रुपये प्रति लीटर) और पुडुचेरी (12.85 प्रति लीटर) की कमी देखने को मिली. वहीं, डीजल की कीमतों के मामले में इन 3 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने कीमतों में अधिकतम कमी की है.

केंद्र और राज्य स्तर पर कर और शुल्क में कटौती के बाद डीजल की कीमतों में लद्दाख में 19.61 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है, इसके बाद कर्नाटक में (19.49 रुपये प्रति लीटर) और पुडुचेरी में 19.08 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है, जिससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है.

बता दें, 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हाल ही में संपन्न विधानसभा और लोकसभा उपचुनावों में चुनावी हार के बाद केंद्र ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये की कटौती करने का फैसला किया था. हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार सभी 3 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर चुनाव हार गई. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हार के लिए महंगाई को जिम्मेदार ठहराया.

अर्थशास्त्रियों और रिजर्व बैंक ने भी चिंता व्यक्त की है कि पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतें सामान्य मुद्रास्फीति को बढ़ा रही हैं. वहीं, विपक्ष ने पेट्रोल और डीजल की रिकॉर्ड उच्च कीमतों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर लगातार निशाना साधा है. दरअसल, केंद्र ने उपचुनाव परिणामों से पहले पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने से इनकार कर दिया था.

पढ़ें: पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की लड़ाई में महंगी रसोई गैस को भूल गया विपक्ष!

पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती करने वाले 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा, ओडिशा और मेघालय ने भी शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल पर वैट घटा दिया. मेघालय सरकार ने जहां पेट्रोल पर वैट 20% से घटाकर 13.5% और डीजल पर 12% से 5% प्रति लीटर कर दिया, वहीं ओडिशा ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में 4% की कमी की घोषणा की.

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