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ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए NCW ने डेयरी फार्मिंग में प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किए

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Published : Sep 27, 2021, 3:27 PM IST

ग्रामीण महिलाओं को सशक्त ( empower rural women ) बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र (financially independent) बनाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women ) ने डेयरी फार्मिंग (dairy farming) में महिलाओं के लिए एक देशव्यापी प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम (training and capacity building program) शुरू किया है.

रेखा शर्मा
रेखा शर्मा

नई दिल्ली : ग्रामीण महिलाओं को सशक्त ( empower rural women ) बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र (financially independent) बनाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women ) ने डेयरी फार्मिंग (dairy farming) में महिलाओं के लिए एक देशव्यापी प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम (training and capacity building program) शुरू किया है.

आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार यह डेयरी फार्मिंग और संबद्ध गतिविधियों से जुड़ी महिलाओं की पहचान और प्रशिक्षण के लिए पूरे भारत में कृषि विश्वविद्यालयों (agricultural universities) के साथ मूल्यवर्धन, गुणवत्ता वृद्धि, पैकेजिंग और डेयरी उत्पादों के विपणन जैसे अन्य पहलुओं पर सहयोग कर रहा है.

परियोजना के तहत पहला कार्यक्रम हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Haryana State Rural Livelihood Mission) के सहयोग से हिसार में लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (Lala Lajpat Rai University of Veterinary and Animal Sciences), में महिला स्वेय सहायता समूहों के लिए 'मूल्य वर्धित डेयरी उत्पाद' पर आयोजित किया गया था.

परियोजना का शुभारंभ करते हुए महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा (NCW chief Rekha Sharma) ने कहा कि वित्तीय स्वतंत्रता महिला सशक्तिकरण की कुंजी है. ग्रामीण भारत में महिलाएं डेयरी फार्मिंग के हर हिस्से में शामिल हैं, फिर भी वे वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में असमर्थ हैं.

आयोग का उद्देश्य अपनी परियोजना के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने, इसके मूल्यवर्धन, पैकेजिंग और शेल्फ जीवन को बढ़ाने और अपने उत्पादों के विपणन में प्रशिक्षण देकर वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करना है.

राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने और एक स्थायी अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान करने में मदद करने के लिए काम कर रहा है. आयोग हमेशा महिलाओं की समानता के लिए खड़ा रहा है, क्योंकि आयोग दृढ़ता से मानता है कि महिलाओं के योगदान के बिना अर्थव्यवस्था सफल नहीं हो सकती.

आयोग का उद्देश्य डेयरी फार्मिंग क्षेत्र में विस्तार गतिविधियों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए वैज्ञानिक प्रशिक्षण और व्यावहारिक विचारों की एक श्रृंखला के माध्यम से महिला किसानों और स्वयं सहायता समूहों की मदद करना है.

पढ़ें - छत्तीसगढ़: जशपुर दिव्यांग केंद्र में रेप पर महिला आयोग ने लिया संज्ञान

आयोग महिलाओं को उनके व्यवसाय को बढ़ाने और उन्हें उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगा. महिला आयोग ऐसे प्रशिक्षकों का भी चयन करेगा, जो महिला उद्यमियों, महिलाओं द्वारा संचालित दुग्ध सहकारी समितियों, महिला स्वयं हायता समूहों आदि को आगे प्रशिक्षित करेंगे.

आयोग का लक्ष्य डेयरी क्षेत्र में एक स्थायी और अनुकरणीय जिला स्तरीय मॉडल तैयार करना है, जिसे देश के डेयरी फार्मिंग क्षेत्रों में और अनुकूलित किया जा सकता है.

इस परियोजना का उद्देश्य गांवों में डेयरी उत्पादों के निर्माण और विपणन की अपार संभावनाओं का दोहन करना है, जिससे वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने की प्रक्रिया में महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके.

नई दिल्ली : ग्रामीण महिलाओं को सशक्त ( empower rural women ) बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र (financially independent) बनाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women ) ने डेयरी फार्मिंग (dairy farming) में महिलाओं के लिए एक देशव्यापी प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम (training and capacity building program) शुरू किया है.

आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार यह डेयरी फार्मिंग और संबद्ध गतिविधियों से जुड़ी महिलाओं की पहचान और प्रशिक्षण के लिए पूरे भारत में कृषि विश्वविद्यालयों (agricultural universities) के साथ मूल्यवर्धन, गुणवत्ता वृद्धि, पैकेजिंग और डेयरी उत्पादों के विपणन जैसे अन्य पहलुओं पर सहयोग कर रहा है.

परियोजना के तहत पहला कार्यक्रम हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Haryana State Rural Livelihood Mission) के सहयोग से हिसार में लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (Lala Lajpat Rai University of Veterinary and Animal Sciences), में महिला स्वेय सहायता समूहों के लिए 'मूल्य वर्धित डेयरी उत्पाद' पर आयोजित किया गया था.

परियोजना का शुभारंभ करते हुए महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा (NCW chief Rekha Sharma) ने कहा कि वित्तीय स्वतंत्रता महिला सशक्तिकरण की कुंजी है. ग्रामीण भारत में महिलाएं डेयरी फार्मिंग के हर हिस्से में शामिल हैं, फिर भी वे वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में असमर्थ हैं.

आयोग का उद्देश्य अपनी परियोजना के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने, इसके मूल्यवर्धन, पैकेजिंग और शेल्फ जीवन को बढ़ाने और अपने उत्पादों के विपणन में प्रशिक्षण देकर वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करना है.

राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने और एक स्थायी अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान करने में मदद करने के लिए काम कर रहा है. आयोग हमेशा महिलाओं की समानता के लिए खड़ा रहा है, क्योंकि आयोग दृढ़ता से मानता है कि महिलाओं के योगदान के बिना अर्थव्यवस्था सफल नहीं हो सकती.

आयोग का उद्देश्य डेयरी फार्मिंग क्षेत्र में विस्तार गतिविधियों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए वैज्ञानिक प्रशिक्षण और व्यावहारिक विचारों की एक श्रृंखला के माध्यम से महिला किसानों और स्वयं सहायता समूहों की मदद करना है.

पढ़ें - छत्तीसगढ़: जशपुर दिव्यांग केंद्र में रेप पर महिला आयोग ने लिया संज्ञान

आयोग महिलाओं को उनके व्यवसाय को बढ़ाने और उन्हें उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगा. महिला आयोग ऐसे प्रशिक्षकों का भी चयन करेगा, जो महिला उद्यमियों, महिलाओं द्वारा संचालित दुग्ध सहकारी समितियों, महिला स्वयं हायता समूहों आदि को आगे प्रशिक्षित करेंगे.

आयोग का लक्ष्य डेयरी क्षेत्र में एक स्थायी और अनुकरणीय जिला स्तरीय मॉडल तैयार करना है, जिसे देश के डेयरी फार्मिंग क्षेत्रों में और अनुकूलित किया जा सकता है.

इस परियोजना का उद्देश्य गांवों में डेयरी उत्पादों के निर्माण और विपणन की अपार संभावनाओं का दोहन करना है, जिससे वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने की प्रक्रिया में महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके.

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