मुंबई : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से उनके आवास में मुलाकात की.
इस दौरान समीर वानखेड़े की पत्नी ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ओरिजिनल डॉक्यूमेंट देखने आए थे, आज उन्होंने सारे डॉक्यूमेंट देंखे. उनको भी यकीन हो चुका है और जो लोग हम पर आरोप लगा रहे थे अब उनकी जांच होगी.
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि वह अपने दावों पर कायम हैं कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम हैं और उन्होंने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया था.
सभी आरोप झूठे हैं : ज्ञानदेव वानखेड़े
इससे पहले समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के साथ एक प्रैस कॉन्फ्रेंस की और मीडिया को सभी कागजात दिखाए. ज्ञानदेव वानखेड़े ने एनसीपी नेता नवाब मलिक द्वारा उनके बेटे पर लगाए सभी आरोपों को झूठा बताया. मलिक ने समीर वानखेड़े पर नकली कागजात के जरिए सरकारी नौकरी में दलित का हक छीनने का आरोप लगाया है. ज्ञानदेव वानखेड़े ने कहा, 'हम दलित हैं, आपको जो कहना है कोर्ट में कहिए, मेरे बेटे ने उनके दामाद को गिरफ्तार किया है, इसलिए उस पर ऐसे मनगढ़त आरोप लगाए जा रहे हैं, मेरा बेटा और मैंने कभी धर्म नहीं बदला, हम पर लगाए गए सभी आरोप निराधार है.'
रामदास अठावले ने किया वानखेड़े परिवार का सपोर्ट
इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने समीर वानखेड़े और उनके परिवार को समर्थन किया. अठावले ने राकांपा नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक से एनसीबी अधिकारी और उनके परिवार के सदस्यों को बदनाम करने की 'साजिश' करने से दूर रहने को कहा. बता दें, बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के ड्रग्स मामले में समीर वानखेड़े पर 25 करोड़ रुपये की घूस लेने का आरोप है, जिसमें से उनके हिस्से में आठ करोड़ रुपये आने की बात कही जा रही है.
नवाब मलिक अपने दावे पर कायम
वहीं, राकांपा नेता नवाब मलिक ने रविवार को कहा है कि वह अपनी बात पर अडिग है. बता दें, नवाब मलिक ने कहा है कि समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम हैं और जाली प्रमाणपत्र के जरिए सरकारी नौकरी हासिल की है. मीडिया से बोलते हुए नवाब ने कहा कि वह धर्म और जात पर नहीं बल्कि जाली प्रमाणपत्र के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने के खिलाफ बोल रहे हैं.
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