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दिल्ली : 95 फीसदी रेप घटनाओं को परिचितों ने ही दिया अंजाम

देश की राजधानी में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में वर्ष 2020 में मामूली कमी आई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि महिलाओं के साथ होने वाली 95 फीसदी घटनाओं को उनके ही परिचितों ने अंजाम दिया. NCRB के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में दिल्ली में दुष्कर्म की 997 वारदातें हुईं, जिनमें केवल 48 वारदातों में आरोपी पीड़िता से अंजान थे.

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Published : Sep 22, 2021, 6:18 PM IST

रेप घटना
रेप घटना

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में वर्ष 2020 में मामूली कमी आई है. महिलाओं के साथ होने वाली 95 फीसदी घटनाओं को उनके ही परिचितों ने अंजाम दिया. सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामले शादी का वादा टूटने एवं लिव इन रिलेशन टूटने के चलते दर्ज हुए हैं. वहीं, पांच फीसदी वारदातों में ही आरोपी पीड़िता से अंजान थे.

महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर पुलिस बेहद गंभीरता से काम करती है. इन्हें रोकने के लिए उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखाने के साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन पुलिस ऐसी वारदातों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहती है, जहां आरोपी पीड़ित के जानकार हैं.

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण

NCRB के आंकड़े बताते हैं कि कहीं पर परिवार के सदस्य तो कहीं पर पड़ोसी ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. 40 फीसदी दुष्कर्म के मामले शादी का झांसा देकर या लिव-इन के जरिये अंजाम दिए गए हैं. वहीं 40 फीसदी वारदातों में आरोपी पारिवारिक दोस्त, पड़ोसी या एम्प्लायर थे. वर्ष 2020 में हुई 997 दुष्कर्म की वारदातों में केवल 48 वारदातों में आरोपी पीड़िता से अंजान थे.

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि दिल्ली या किसी भी मेट्रोपोलिटन शहरों में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं. बड़े शहरों में लिव-इन का चलन बढ़ा है. दोनों अपनी मर्जी से साथ में रहते हैं, लेकिन जब उनके बीच संबंध टूटते हैं तो पुलिस में दुष्कर्म की शिकायत हो जाती है. इसी तरह शादी का झांसा देकर भी दुष्कर्म करने के मामलों की संख्या बहुत ज्यादा होती है.

उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों में कई झूठे मुकदमे भी दर्ज होते हैं. ऐसे मामलों में दोनों अपनी मर्जी से लंबे समय तक साथ में रहते हैं और बाद में रेप का मामला दर्ज हो जाता है. इस तरह के मामलों में अदालत से आरोपी को सजा नहीं होती. आमतौर पर इनमें समझौता होता है या लड़कियां अपने बयान से पीछे हट जाती हैं.

यह भी पढ़ें- 2020 में हर दिन रेप के 77 मामले, राजस्थान, यूपी और एमपी में सबसे ज्यादा मामले : रिपोर्ट

पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि कई बार प्रेमी जोड़ा शादी तो करना चाहता है, लेकिन आर्थिक, सामाजिक कारण या जाति की वजह से शादी नहीं होती. इस तरह के मामलों में भी दुष्कर्म की FIR हो जाती है. कई बार हनी ट्रैप के मामले भी सामने आते हैं. आज अदालत इस तरह के मामलों को अच्छे से परखने लगी है. इसलिए दुष्कर्म के मामलों में सजा का प्रतिशत बेहद कम रहता है.

उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों से बचने के लिए परिवार को अपने बच्चों को समझाना चाहिए. उन्हें जागरूक करते हुए बताया जाना चाहिए कि क्या अच्छा है क्या बुरा है. बच्चे जागरूक रहेंगे तभी ऐसी घटनाएं कम होंगी.

दिल्ली में दुष्कर्म के मामले

  • महिलाओं से दुष्कर्म : 997
  • दुष्कर्म में आरोपी परिचित : 949
  • दुष्कर्म में अज्ञात आरोपी : 48
  • दुष्कर्म का आरोपी पारिवारिक सदस्य: 104
  • प्यार, लिव इन, शादी का झांसा: 424
  • पारिवारिक दोस्त, पड़ोसी, एम्प्लायर: 421
दुष्कर्म पीड़ित संख्या
18 वर्ष से कम 721
18-30 677
30-45 271
45-60 44
60 से ज्यादा 5

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में वर्ष 2020 में मामूली कमी आई है. महिलाओं के साथ होने वाली 95 फीसदी घटनाओं को उनके ही परिचितों ने अंजाम दिया. सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामले शादी का वादा टूटने एवं लिव इन रिलेशन टूटने के चलते दर्ज हुए हैं. वहीं, पांच फीसदी वारदातों में ही आरोपी पीड़िता से अंजान थे.

महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर पुलिस बेहद गंभीरता से काम करती है. इन्हें रोकने के लिए उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखाने के साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है, लेकिन पुलिस ऐसी वारदातों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहती है, जहां आरोपी पीड़ित के जानकार हैं.

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण

NCRB के आंकड़े बताते हैं कि कहीं पर परिवार के सदस्य तो कहीं पर पड़ोसी ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. 40 फीसदी दुष्कर्म के मामले शादी का झांसा देकर या लिव-इन के जरिये अंजाम दिए गए हैं. वहीं 40 फीसदी वारदातों में आरोपी पारिवारिक दोस्त, पड़ोसी या एम्प्लायर थे. वर्ष 2020 में हुई 997 दुष्कर्म की वारदातों में केवल 48 वारदातों में आरोपी पीड़िता से अंजान थे.

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि दिल्ली या किसी भी मेट्रोपोलिटन शहरों में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं. बड़े शहरों में लिव-इन का चलन बढ़ा है. दोनों अपनी मर्जी से साथ में रहते हैं, लेकिन जब उनके बीच संबंध टूटते हैं तो पुलिस में दुष्कर्म की शिकायत हो जाती है. इसी तरह शादी का झांसा देकर भी दुष्कर्म करने के मामलों की संख्या बहुत ज्यादा होती है.

उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों में कई झूठे मुकदमे भी दर्ज होते हैं. ऐसे मामलों में दोनों अपनी मर्जी से लंबे समय तक साथ में रहते हैं और बाद में रेप का मामला दर्ज हो जाता है. इस तरह के मामलों में अदालत से आरोपी को सजा नहीं होती. आमतौर पर इनमें समझौता होता है या लड़कियां अपने बयान से पीछे हट जाती हैं.

यह भी पढ़ें- 2020 में हर दिन रेप के 77 मामले, राजस्थान, यूपी और एमपी में सबसे ज्यादा मामले : रिपोर्ट

पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि कई बार प्रेमी जोड़ा शादी तो करना चाहता है, लेकिन आर्थिक, सामाजिक कारण या जाति की वजह से शादी नहीं होती. इस तरह के मामलों में भी दुष्कर्म की FIR हो जाती है. कई बार हनी ट्रैप के मामले भी सामने आते हैं. आज अदालत इस तरह के मामलों को अच्छे से परखने लगी है. इसलिए दुष्कर्म के मामलों में सजा का प्रतिशत बेहद कम रहता है.

उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों से बचने के लिए परिवार को अपने बच्चों को समझाना चाहिए. उन्हें जागरूक करते हुए बताया जाना चाहिए कि क्या अच्छा है क्या बुरा है. बच्चे जागरूक रहेंगे तभी ऐसी घटनाएं कम होंगी.

दिल्ली में दुष्कर्म के मामले

  • महिलाओं से दुष्कर्म : 997
  • दुष्कर्म में आरोपी परिचित : 949
  • दुष्कर्म में अज्ञात आरोपी : 48
  • दुष्कर्म का आरोपी पारिवारिक सदस्य: 104
  • प्यार, लिव इन, शादी का झांसा: 424
  • पारिवारिक दोस्त, पड़ोसी, एम्प्लायर: 421
दुष्कर्म पीड़ित संख्या
18 वर्ष से कम 721
18-30 677
30-45 271
45-60 44
60 से ज्यादा 5
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