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IT नोटिस मिलने पर शरद पवार ने बताया, 'मिल गया प्रेम पत्र' - प्रेम पत्र शरद पवार

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के शिंदे गुट की सरकार बन चुकी है. दो दिन बाद उन्हें अपना बहुमत सिद्ध करना है. इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार को आयकर विभाग ने एक नोटिस थमाया है. इसे लेकर एनसीपी काफी हमलावर है. हालांकि, पवार ने इस पर तंज कसते हुए इसे एक 'लव लेटर' बताया है.

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शरद पवार
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Published : Jul 1, 2022, 5:47 PM IST

मुंबई : नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार को आयकर विभाग का नोटिस मिला है. पवार ने इसे प्रेम पत्र बताया. उन्होंने ट्वीट कर तंज कसा, 'आईटी से मुझे लव लेटर मिला है.'

पवार ने कहा कि 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान हमने जो हलफनामा दायर किया था, उससे संबंधित जानकारी अब मांगी जा रही है. उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने मुझसे 2004 से लेकर 2020 तक चुनावी हलफनामे का डिटेल मांगा है. यानी पवार को 2004, 2009, 2014 में दायर चुनावी हलफनामों का ब्योरा देना होगा.

एनसीपी प्रमुख ने कहा कि मुझे इसकी चिंता नहीं है कि हमें इसकी जानकारी देनी है. बल्कि हमें तो 'खुशी' है कि आयकर विभाग की दक्षता में वृद्धि हुई है. उन्होंने आगे लिखा कि इतने सालों से जानकारी एकत्र करने और कुछ लोगों से जानकारी एकत्र करने पर ध्यान केंद्रित करना, एक रणनीतिक बदलाव प्रतीत होता है.

पवार ने कहा कि वर्तमान सरकार अलग-अलग एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक रूप से अलग विचारों वाले लोगों के लिए करती है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अब भाजपा और शिंदे गुट ने मिलकर सरकार बनाई है. इससे पहले महा विकास अघाड़ी की सरकार थी. इसमें एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की भागीदारी थी. ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि अघाड़ी की सरकार पवार के इशारे पर काम करती थी.

ये भी पढ़ें : पात्रा चावल भूमि घोटाला: शिवसेना नेता संजय राउत से ईडी दफ्तर में पूछताछ

मुंबई : नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार को आयकर विभाग का नोटिस मिला है. पवार ने इसे प्रेम पत्र बताया. उन्होंने ट्वीट कर तंज कसा, 'आईटी से मुझे लव लेटर मिला है.'

पवार ने कहा कि 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान हमने जो हलफनामा दायर किया था, उससे संबंधित जानकारी अब मांगी जा रही है. उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने मुझसे 2004 से लेकर 2020 तक चुनावी हलफनामे का डिटेल मांगा है. यानी पवार को 2004, 2009, 2014 में दायर चुनावी हलफनामों का ब्योरा देना होगा.

एनसीपी प्रमुख ने कहा कि मुझे इसकी चिंता नहीं है कि हमें इसकी जानकारी देनी है. बल्कि हमें तो 'खुशी' है कि आयकर विभाग की दक्षता में वृद्धि हुई है. उन्होंने आगे लिखा कि इतने सालों से जानकारी एकत्र करने और कुछ लोगों से जानकारी एकत्र करने पर ध्यान केंद्रित करना, एक रणनीतिक बदलाव प्रतीत होता है.

पवार ने कहा कि वर्तमान सरकार अलग-अलग एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक रूप से अलग विचारों वाले लोगों के लिए करती है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अब भाजपा और शिंदे गुट ने मिलकर सरकार बनाई है. इससे पहले महा विकास अघाड़ी की सरकार थी. इसमें एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की भागीदारी थी. ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि अघाड़ी की सरकार पवार के इशारे पर काम करती थी.

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