पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर इकाई को महाराष्ट्र से बाहर नहीं जाना चाहिए था, लेकिन अब संयुक्त उद्यम द्वारा गुजरात को चुने जाने के बाद इस बड़ी परियोजना के राज्य में वापस आने की कोई उम्मीद नहीं है.
दो दिन पहले 1.54 लाख करोड़ रुपये की वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना गुजरात के हाथों गंवाने पर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक -शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस - एकनाथ शिंदे-भाजपा नीत सरकार पर हमलावर हैं, क्योंकि इस संयंत्र को पहले महाराष्ट्र में स्थापित करने का प्रस्ताव था, जिसके लिये पुणे के पास तालेगांव को परियोजना लगाने के लिए चुना गया था.
पवार ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि केंद्र का महाराष्ट्र को यह आश्वासन देना कि उसे वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना की तुलना में एक बड़ी परियोजना मिलेगी, 'एक बच्चे को समझाने' की कोशिश करने के समान है.
उद्योग मंत्री उदय सामंत की इस घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कि प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को राज्य के लिए वेदानता-फॉक्सकॉन से बेहतर और बड़ी परियोजना का आश्वासन दिया है, पवार ने कहा, यह बयान कि महाराष्ट्र को एक बड़ी परियोजना दी जाएगी, एक बच्चे को सांत्वना देने जैसा है जो दूसरे बच्चे के हाथ में गुब्बारा देखकर रो रहा है और उसके माता-पिता उसे दिलासा दे रहे हैं कि वे उसे एक बड़ा गुब्बारा देंगे.
उन्होंने कहा कि इस विशाल परियोजना के मूल रूप से पुणे शहर के पास तालेगांव में आने की परिकल्पना की गई थी, जिसमें पहले से ही चाकन के पास ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुड़े उद्योग स्थापित हैं. पवार ने कहा कि अगर तालेगांव में इकाई स्थापित होती, तो यह कंपनी (वेदांता-फॉक्सकॉन) के लिए भी अच्छा होता.
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(पीटीआई-भाषा)