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NCERT की किताबों में अब INDIA की जगह लिखा आएगा भारत

एनसीईआरटी की किताबों में अब छात्रों को किताबों में इंडिया की जगह भारत शब्द लिखा जाएगा. इसको लेकर एनसीईआरटी पैनल ने नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. india vs bharat in ncert, ncert book

The name of INDIA will be changed to Bharat in NCERT book
NCERT की किताबों में अब INDIA की जगह लिखा होगा भारत
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By PTI

Published : Oct 25, 2023, 2:38 PM IST

Updated : Oct 25, 2023, 4:06 PM IST

नई दिल्ली : एनसीईआरटी की स्कूली पाठ्य पुस्तकों में अब इंडिया नहीं दिखेगा. इन पुस्तकों में इंडिया के स्थान पर भारत लिखा जाएगा. एनसीईआरटी की एक उच्च स्तरीय समिति ने इंडिया के स्थान पर भारत लिखे जाने की सिफारिश की थी जिसे स्वीकार कर लिया गया है. यह सिफारिश एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए गठित प्रोफेसर 'सीआई आईजैक' की अध्यक्षता वाली समिति ने की थी.

सिफारिश के मुताबिक प्राथमिक से लेकर हाई-स्कूल स्तर तक स्कूली पाठ्यपुस्तकों में देश का नाम इंडिया नहीं, बल्कि भारत होना चाहिए. समिति ने यह भी सिफारिश की है कि भारतीय इतिहास में प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक के रूप में अवधि का वर्गीकरण चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाना चाहिए. एनसीईआरटी की इस समिति का तर्क है कि प्राचीन शब्द की बजाए पुस्तकों में शास्त्रीय या फिर क्लासिकल शब्द का उपयोग होना चाहिए.

सीआई आईजैक के मुताबिक, पैनल ने सर्व समिति से इंडिया शब्द की जगह भारत इस्तेमाल करने का प्रस्ताव किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक यह प्रस्ताव कुछ दिन पहले रखा गया था. इसे स्वीकार किए जाने के उपरांत एनसीईआरटी की नई किताबों में 'इंडिया' की जगह 'भारत' मुद्रित किया जाएगा.

इस सात सदस्यीय समिति की सिफारिश में सामाजिक विज्ञान के फाइनल पोजीशन पेपर में, जो कि एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों की नींव रखने वाला एक प्रमुख दस्तावेज है, उसमें इसका ज़िक्र किया गया है. इसी वर्ष पद्मश्री से सम्मानित, आईजैक के मुताबिक समिति ने विशेष रूप से सिफारिश की है कि स्कूली छात्रों को पाठ्य पुस्तकों में इंडिया के बजाय भारत नाम पढ़ाया जाए.

  • #UPDATE | "NCERT panel has recommended replacing 'India' with 'Bharat' in school textbooks, " says Committee chairman C I Issac to ANI

    — ANI (@ANI) October 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि भारत नाम का उल्लेख विष्णु पुराण में है. यही नहीं कालिदास ने भारत नाम का प्रयोग किया है. यह एक सदियों पुराना नाम है जबकि इंडिया नाम बहुत बाद में तुर्कों, अफगानों और यूनानियों के आक्रमण के बाद आया.

आइजैक ने कहा कि 12वीं कक्षा तक की सभी पाठ्य पुस्तकों में केवल भारत नाम का ही उपयोग किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तकें में इतिहास में हुई लड़ाइयों में हिंदू हार पर बहुत अधिक जोर देती हैं. जबकि, हिंदू जीत का उल्लेख नहीं किया गया है. हमारी पाठ्य पुस्तकें हमारे छात्रों को यह क्यों नहीं सिखाती कि मुहम्मद गोरी को भारतीय आदिवासियों ने उस समय मार डाला था, जब वह भारत को लूटने के बाद लौट रहा था.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी तर्क दिए की कोलाचेल की लड़ाई (त्रावणकोर साम्राज्य बनाम डच ईस्ट इंडिया कंपनी) हमारी पाठ्य पुस्तकों से लापता है. साथ ही यह प्रश्न ही किया जा रहा है कि एनसीईआरटी की स्कूली पाठ्य पुस्तकों में आपातकाल के बारे में विस्तार से क्यों नहीं पढ़ाया जाता.

ये भी पढ़ें - let's move forward Comic Book Launched: कहानी के माध्यम से 'लेट्स मूव फॉरवर्ड' कॉमिक बुक छात्रों का करेगी विकास

नई दिल्ली : एनसीईआरटी की स्कूली पाठ्य पुस्तकों में अब इंडिया नहीं दिखेगा. इन पुस्तकों में इंडिया के स्थान पर भारत लिखा जाएगा. एनसीईआरटी की एक उच्च स्तरीय समिति ने इंडिया के स्थान पर भारत लिखे जाने की सिफारिश की थी जिसे स्वीकार कर लिया गया है. यह सिफारिश एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए गठित प्रोफेसर 'सीआई आईजैक' की अध्यक्षता वाली समिति ने की थी.

सिफारिश के मुताबिक प्राथमिक से लेकर हाई-स्कूल स्तर तक स्कूली पाठ्यपुस्तकों में देश का नाम इंडिया नहीं, बल्कि भारत होना चाहिए. समिति ने यह भी सिफारिश की है कि भारतीय इतिहास में प्राचीन, मध्ययुगीन और आधुनिक के रूप में अवधि का वर्गीकरण चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाना चाहिए. एनसीईआरटी की इस समिति का तर्क है कि प्राचीन शब्द की बजाए पुस्तकों में शास्त्रीय या फिर क्लासिकल शब्द का उपयोग होना चाहिए.

सीआई आईजैक के मुताबिक, पैनल ने सर्व समिति से इंडिया शब्द की जगह भारत इस्तेमाल करने का प्रस्ताव किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक यह प्रस्ताव कुछ दिन पहले रखा गया था. इसे स्वीकार किए जाने के उपरांत एनसीईआरटी की नई किताबों में 'इंडिया' की जगह 'भारत' मुद्रित किया जाएगा.

इस सात सदस्यीय समिति की सिफारिश में सामाजिक विज्ञान के फाइनल पोजीशन पेपर में, जो कि एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों की नींव रखने वाला एक प्रमुख दस्तावेज है, उसमें इसका ज़िक्र किया गया है. इसी वर्ष पद्मश्री से सम्मानित, आईजैक के मुताबिक समिति ने विशेष रूप से सिफारिश की है कि स्कूली छात्रों को पाठ्य पुस्तकों में इंडिया के बजाय भारत नाम पढ़ाया जाए.

  • #UPDATE | "NCERT panel has recommended replacing 'India' with 'Bharat' in school textbooks, " says Committee chairman C I Issac to ANI

    — ANI (@ANI) October 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि भारत नाम का उल्लेख विष्णु पुराण में है. यही नहीं कालिदास ने भारत नाम का प्रयोग किया है. यह एक सदियों पुराना नाम है जबकि इंडिया नाम बहुत बाद में तुर्कों, अफगानों और यूनानियों के आक्रमण के बाद आया.

आइजैक ने कहा कि 12वीं कक्षा तक की सभी पाठ्य पुस्तकों में केवल भारत नाम का ही उपयोग किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तकें में इतिहास में हुई लड़ाइयों में हिंदू हार पर बहुत अधिक जोर देती हैं. जबकि, हिंदू जीत का उल्लेख नहीं किया गया है. हमारी पाठ्य पुस्तकें हमारे छात्रों को यह क्यों नहीं सिखाती कि मुहम्मद गोरी को भारतीय आदिवासियों ने उस समय मार डाला था, जब वह भारत को लूटने के बाद लौट रहा था.

इसके साथ ही उन्होंने यह भी तर्क दिए की कोलाचेल की लड़ाई (त्रावणकोर साम्राज्य बनाम डच ईस्ट इंडिया कंपनी) हमारी पाठ्य पुस्तकों से लापता है. साथ ही यह प्रश्न ही किया जा रहा है कि एनसीईआरटी की स्कूली पाठ्य पुस्तकों में आपातकाल के बारे में विस्तार से क्यों नहीं पढ़ाया जाता.

ये भी पढ़ें - let's move forward Comic Book Launched: कहानी के माध्यम से 'लेट्स मूव फॉरवर्ड' कॉमिक बुक छात्रों का करेगी विकास

Last Updated : Oct 25, 2023, 4:06 PM IST
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