श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला शुक्रवार को एक साल बाद जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती राज्य के लोगों का संवैधानिक अधिकार बहाल होने तक वह नहीं मरेंगे.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने भाजपा पर देश को गुमराह करने और जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ लद्दाख के लोगों से झूठे वादे करने के आरोप लगाए.
गुपकर गठबंधन घोषणापत्र (पीएजीडी) की शनिवार को होने वाली बैठक के पहले शेर-ए-कश्मीर भवन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं से अब्दुल्ला ने कहा, 'अपने लोगों के अधिकार वापस लेने तक मैं नहीं मरूंगा. मैं यहां लोगों का काम करने के लिए हूं, और जिस दिन मेरा काम खत्म हो जाएगा, मैं इस जहां से चला जाऊंगा.'
उन्होंने कहा कि अगर हमें पाकिस्तान के साथ ही जाना होता, तो 1947 में चले गए होते, लेकिन हमने भारत के साथ रहने का फैसला किया. वो भारत, जो महात्मा गांधी का भारत था, जहां सभी लोग एक समान थे.
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू में अब्दुल्ला (84) की यह पहली राजनीतिक बैठक थी.
अब्दुल्ला, अपने बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ दोपहर में यहां पहुंचे. पिछले एक साल से ज्यादा समय में वह पहली बार जम्मू आए हैं.
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अब्दुल्ला ने कहा, 'हमने कभी नहीं सोचा था कि जम्मू, लद्दाख और कश्मीर को एक दूसरे से अलग कर दिया जाएगा. हालात के कारण हम पीएजीडी के गठन के समय इन क्षेत्रों के लोगों को शामिल नहीं कर पाए और अब यहां आए हैं.'
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को फिर से बहाल करने तथा 'काले कानूनों' को समाप्त करने के लिए दलों ने हाथ मिलाए हैं.