सुकमा: नक्सलियों ने जन अदालत लगाकर ताड़मेटला पंचायत के उपसरपंच माड़वी गंगा सहित शिक्षादूत कवासी सुक्का की हत्या कर दी. 28 जून को उपसरपंच और शिक्षादूत सहित 15 गांववालों का नक्सलियों ने अपहरण किया था. बाकियों को छोड़ देने के बाद जन अदालत लगाकर 28 जून की है दोनों की निर्मम हत्या कर दी.
8 दिन पहले जगरगुंडा में बुलाकर बनाया था बंधक: सुकमा के थाना चिंता गुफा अंतर्गत ताड़मेटला पंचायत के उपसरपंच माड़वी गंगा और शिक्षादूत कवासी सुक्का सहित 15 ग्रामीणों को 8 दिन पहले नक्सलियों ने जगरगुंडा सब डिवीजन के दुलेड़ क्षेत्र में बुलवाकर बंधक बना लिया था. यहां नक्सलियों ने जंगल में 28 जून को जनअदालत लगाकर उपसरपंच और शिक्षादूत की निर्मम हत्या कर दी. वहीं ताड़मेटला और आसपास के ग्रामीणों को वापस भेज दिया है. ताड़मेटला पंचायत के उपसरपंच माड़वी गंगा को 2 साल पहले भी नक्सलियों ने बुलाया था और कुछ दिन बाद छोड़ दिया था. इस बार भी सामान्य स्थिति समझकर परिजनों ने पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी.
उपसरपंच माड़वी गंगा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताकर ग्रामीणों को जागरूक कर रहा था. शिक्षादूत कवासी सुक्का ताड़मेटला जैसे संवेदनशील इलाके में बच्चों को पढ़ाकर शिक्षित करने का काम कर रहा था. नक्सलियों ने अपने टूटते हुए जनाधार को बचाने के लिए जनअदालत लगाकर दोनों ही व्यक्तियों की निर्ममतापूर्वक हत्या की है. फिलहाल सुकमा पुलिस ताड़मेटला इलाके में पहुंचकर दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. -किरण चौहान, सुकमा एसपी
नक्सली क्यों लगाते हैं जन अदालत : नक्सली जन अदालत लगाकर अक्सर अपना फरमान सुनाते हैं. पुलिस की मुखबिरी करने या फिर नक्सलियों के समझाने के बाद भी उनके खिलाफ काम करने वालों के खिलाफ नक्सली जन अदालत लगाकर फैसला करते हैं. ज्यादातर जन अदालत में नक्सली मौत की सजा सुनाते हैं. लेकिन यदि ग्रामीणों ने आरोपी को माफ करने की रजामंदी जताई तो नक्सली आखिरी चेतावनी देकर उसे छोड़ भी देते हैं. वहीं यदि ग्रामीणों के सहमति ना जताने पर नक्सली संबंधित आरोपी की धारदार हथियार से हत्या कर देते हैं.
सड़क निर्माण में लगे इंजीनियर का किया था अपहरण : इससे पहले भी बीजापुर जिले में नक्सलियों ने इंजीनियर का अपहरण किया था. इस पर सामाजिक संगठनों ने नक्सलियों ने इंजीनियर को छोड़ने की मांग की थी. इसके बाद नक्सलियों ने इंजीनियर को कुछ दिनों तक अपने पास रखने के बाद रिहा किया था.