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छत्तीसगढ़ : अपहरण किए गए 7 ग्रामीणों को नक्सलियों ने अंतिम चेतावनी देकर छोड़ा - नक्सल प्रभावित सुकमा

धुर नक्सल प्रभावित सुकमा से 7 ग्रामीणों को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था, हालांकि अब अंतिम चेतावनी देकर इन्हें छोड़ दिया गया है. नक्सलियों ने युवकों पर मुखबिरी का आरोप लगाते हुए उन्हें अगवा कर लिया था.

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Published : Jul 21, 2021, 3:07 PM IST

सुकमा : नक्सल प्रभावित सुकमा में अपहरण किए गए सात ग्रामीणों को रिहा कर दिया है. नक्सलियों ने ग्रामीणों को अंतिम चेतावनी देकर छोड़ा है.

जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने ग्रामीणों पर मुखबिरी का आरोप लगाया था. इन सातों ग्रामीणों को रिहा करवाने के लिए आधा गांव नक्सलियों के पास पहुंचा था. तोलावर्ती इलाके में नक्सलियों ने इन्हें छोड़ने के लिए जन अदालत लगाई थी. जिसके बाद मंगलवार रात ग्रामीण सातों युवकों को छुड़ाकर कुंदेड़ गांव पहुंचे.

दरअसल, जगरगुंडा थाना क्षेत्र (Jagargunda Sukma) के कुंदेड़ गांव से नक्सलियों ने 7 ग्रामीणों का अपहरण कर (Naxalites kidnap 7 villagers) लिया था. सुकमा एसपी ने इसकी पुष्टि की थी. नक्सलियों की इस करतूत से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल था. जिसके बाद से ही ग्रामीणों ने नक्सलियों से सभी ग्रामीणों को सुरक्षित छोड़ने की अपील की थी. साथ ही इन 7 युवकों को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए गांव के 34 ग्रामीण नक्सलियों से मिलने गए थे.

पढ़ें :- छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने 7 ग्रामीणों का किया अपहरण

इससे पहले नारायणपुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमें आईटीबीपी की 45वीं बटालियन का एक जवान शहीद हो गया था. एनकाउंटर में एक कॉन्स्टेबल भी घायल हुआ. शहीद जवान का नाम कॉन्स्टेबल शिव नारायण मीणा है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने घटना की पुष्टि की थी.

ओरछा को एक तरह से अबूझमाड़ का गेट माना जाता है. अबूझमाड़ के बीहड़ को नक्सलियों का सुरक्षित इलाका माना जाता है. ऐसे में किसी जनप्रतिनिधि के इस इलाके में दौरे को नक्सली पसंद नहीं करते. हालांकि पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में लाल आतंक ने आम लोगों को निशाना बनाने और दहशत कायम करने की कोशिश की है.

सुकमा : नक्सल प्रभावित सुकमा में अपहरण किए गए सात ग्रामीणों को रिहा कर दिया है. नक्सलियों ने ग्रामीणों को अंतिम चेतावनी देकर छोड़ा है.

जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने ग्रामीणों पर मुखबिरी का आरोप लगाया था. इन सातों ग्रामीणों को रिहा करवाने के लिए आधा गांव नक्सलियों के पास पहुंचा था. तोलावर्ती इलाके में नक्सलियों ने इन्हें छोड़ने के लिए जन अदालत लगाई थी. जिसके बाद मंगलवार रात ग्रामीण सातों युवकों को छुड़ाकर कुंदेड़ गांव पहुंचे.

दरअसल, जगरगुंडा थाना क्षेत्र (Jagargunda Sukma) के कुंदेड़ गांव से नक्सलियों ने 7 ग्रामीणों का अपहरण कर (Naxalites kidnap 7 villagers) लिया था. सुकमा एसपी ने इसकी पुष्टि की थी. नक्सलियों की इस करतूत से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल था. जिसके बाद से ही ग्रामीणों ने नक्सलियों से सभी ग्रामीणों को सुरक्षित छोड़ने की अपील की थी. साथ ही इन 7 युवकों को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए गांव के 34 ग्रामीण नक्सलियों से मिलने गए थे.

पढ़ें :- छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने 7 ग्रामीणों का किया अपहरण

इससे पहले नारायणपुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमें आईटीबीपी की 45वीं बटालियन का एक जवान शहीद हो गया था. एनकाउंटर में एक कॉन्स्टेबल भी घायल हुआ. शहीद जवान का नाम कॉन्स्टेबल शिव नारायण मीणा है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने घटना की पुष्टि की थी.

ओरछा को एक तरह से अबूझमाड़ का गेट माना जाता है. अबूझमाड़ के बीहड़ को नक्सलियों का सुरक्षित इलाका माना जाता है. ऐसे में किसी जनप्रतिनिधि के इस इलाके में दौरे को नक्सली पसंद नहीं करते. हालांकि पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में लाल आतंक ने आम लोगों को निशाना बनाने और दहशत कायम करने की कोशिश की है.

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