रांची : झारखंड का कुख्यात नक्सली और टीपीसी कमांडर भीखन गंझू (Jharkhand's 10 lakh rewarded Naxalite Bhikhan Ganjhu) को रांची से गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस को गुप्त सूत्रों से उसके रांची के पंडरा इलाके में छीपने की खबर मिली जिसके बाद पुलिस की एक टीम ने वहां छापामारी कर भीखन को धर दबोचा है. उसके सिर पर पुलिस ने 10 लाख का इनाम रखा है. सूत्रों के मुताबिक, उसे गुप्त स्थान पर रखकर पुलिस पूछताछ कर रही है. हालांकि, खबर लिखे जाने तक भीखन गंझू की गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
NIA का भी वांटेड
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और झारखंड पुलिस को कोल परियोजनाओं से टेरर फंडिंग और आर्म्स तस्करी समेत कई मामलों में टीपीसी के कमांडर भीखन गंझू की तलाश थी. एक तरफ NIA और दूसरी तरफ पुलिस की रडार पर होने के बावजूद भीखन गंझू फिर से कोयला कारोबार में सक्रिय हो गया था. टंडवा में आगजनी की वारदात में भी भीखन गंझू की संलिप्तता का पता चला था. राज्य पुलिस ने भीखन गंझू पर 10 लाख का इनाम रखा था. वहीं, NIA को मगध आमप्राली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग, उग्रवादी परमेश्वर गंझू के यहां से लेवी राशि की बरामदगी व पूर्णिया आर्म्स रैकेट केस में भीखन गंझू की तलाश थी.
टंडवा में आगजनी का मास्टरमाइंड
टीपीसी उग्रवादी यहां चतरा जिले की मगध, आम्रपाली, पिपरवार की अशोका और एनके एरिया कोल परियोजना में कमेटी बनाकर वसूली में लिप्त थे. कोल परियोजनों में वसूली के मामले में NIA की कार्रवाई के बाद टीपीसी पर दबाव बढ़ा था. जिसके बाद भीखन समेत अन्य कमांडर अंडर ग्राउंड हो गए थे. लेकिन हाल के दिनों में भीखन की गतिविधियां दोबारा बढ़ गईं थी. पिछले साल 26 अप्रैल को टंडवा के कोल परियोजनाओं में लेवी वसूली व ट्रांसपोर्टरों को अपने प्रभाव में लेने के लिए उग्रवादियों ने पांच हाईवा गाड़ियों में आग लगा दी थी. इस अगलगी के पीछे का मास्टरमाइंड भीखन गंझू ही है.
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अंबे कंपनी के गाड़ियों को जलाने के मामले में पहले ही भीखन ने टीपीसी से हमला करवाने की धमकी दी थी. लेकिन जब अंबे कंपनी ने धमकी को अनदेखी कर दी, तब भीखन के इशारे पर टीपीसी के उग्रवादियों ने पांच गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. इतना ही नहीं, उग्रवादियों ने तब टीपीसी जिंदाबाद का नारा लगाते हुए फायरिंग भी की थी. इस मामले में भास्कर, प्रभात, अमरजीत, वीरप्पन, दिनेश, तैनात जी, सुनील जी, राजू जी, भाई जी, सुखारी जी, नायक जी, बलवंत जी, रोशन जी व हेमंत जी नामक उग्रवादी लिप्त थे.